राष्ट्रीय
‘धर्म संसद’ में नफरती भाषण पर दिल्ली पुलिस ने दर्ज किया केस, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी फटकार
दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद अब दिल्ली ‘धर्म संसद’ को लेकर अभद्र भाषा का मामला दर्ज किया है. पुलिस ने शनिवार को नया हलफनामा दाखिल कर शीर्ष अदालत को इसकी जानकारी दी. इससे पहले, बीते 22 अप्रैल को उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली पुलिस के उस हलफनामे पर अप्रसन्नता जताई थी, जिसमें कहा गया था कि पिछले साल यहां आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान ‘कोई नफरती भाषण नहीं दिया गया था.’
दिल्ली पुलिस ने शीर्ष अदालत को बताया था कि पिछले साल 19 दिसंबर को दक्षिणपंथी समूह हिंदू युवा वाहिनी द्वारा यहां आयोजित एक कार्यक्रम में ‘किसी समुदाय के खिलाफ कोई विशिष्ट शब्द नहीं बोले गए थे.’ अब अपने नए हलफनामे में पुलिस ने कहा है कि सामग्री की जांच के बाद प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी. पुलिस ने कहा, “शिकायत के सभी लिंक और सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध अन्य सामग्री का विश्लेषण किया गया और यूट्यूब पर एक वीडियो मिला.”
सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस से ‘बेहतर हलफनामा’ दाखिल करने को कहा था
सामग्री के सत्यापन के बाद, 4 मई को ओखला औद्योगिक क्षेत्र पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153 ए, 295 ए, 298 और 34 के तहत अपराध के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई थी. सभी आरोप धार्मिक शत्रुता को बढ़ावा देने से संबंधित हैं. 22 अप्रैल को हुई पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाते हुए उनसे ‘बेहतर हलफनामा’ दाखिल करने को कहा था.
पत्रकार कुर्बान अली और पटना हाईकोर्ट की पूर्व जज ने दायर की है याचिका
शीर्ष अदालत पत्रकार कुर्बान अली और पटना उच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश एवं वरिष्ठ अधिवक्ता अंजना प्रकाश द्वारा दायर उस याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नफरती भाषण की घटनाओं की एसआईटी द्वारा ‘स्वतंत्र, विश्वसनीय और निष्पक्ष जांच’ के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया गया है.साभार न्यू मीडिया।

