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देहरादून : वृद्ध पेंशनधारकों को समाज कल्याण विभाग ने दी बड़ी राहत, जीवित प्रमाणपत्र जमा करने के नहीं काटने पड़ेंगे लिए कार्यालय के चक्कर

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देहरादून: समाज कल्याण कार्यालय की ओर से वृद्ध पेंशनधारकों को बड़ी राहत दी गई। अब पेंशनधारकों को जीवित प्रमाणपत्र जमा करने के लिए कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। पेंशनधारक स्वजन और जनप्रतिनिधि के माध्यम से भी प्रमाणपत्र को जमा करा सकते हैं।

समाज कल्याण अधिकारी गोरधन सिंह ने बताया वृद्ध पेंशन का लाभ ले रहे पेंशनधारकों को कार्यालय के चक्कर न काटने पड़े। इसको लेकर फैसला लिया गया कि जो बुजुर्ग दफ्तर तक आने में असमर्थ हैं। वह प्रार्थना पत्र लिखकर अपने स्वजन और जनप्रतिनिधि के माध्यम से जीवित प्रमाणपत्र जमा करा सकते हैं।

दूरस्थ क्षेत्र में पटवारी ,ग्राम प्रधान के माध्यम से पेंशनधारकों के लिए यह सुविधा दी गई है। कहा पेंशन से संबंधित किसी भी तरह की समस्या आने पर वह प्रतिनिधि के माध्यम से विभाग को सूचित कर सकता है। तत्काल समस्या का समाधान किया जाएगा।

पेंशन महासम्मेलन में भरी हुंकार, पुरानी पेंशन बहाली की मांग

वहीं देशभर में पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग कर रहे कार्मिकों ने पेंशन महासम्मेलन में हुंकार भरी। झारखंड में हजारों की संख्या में एकत्रित हुए कार्मिकों ने उत्तराखंड में पुरानी पेंशन बहाल करने को आंदोलन तेज करने का निर्णय लिया। झारखंड के मुख्यमंत्री ने अपने प्रदेश में जल्द पुरानी पेंशन बहाल करने का एलान किया।

झारखंड की राजधानी रांची के बिरसा मुंडा स्टेडियम में पेंशन महासम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन उत्तराखंड की प्रांतीय कार्यकारिणी के प्रदेश अध्यक्ष जीतमणी पैन्यूली के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल शामिल हुआ। पैन्यूली ने बताया कि इस महासम्मेलन में पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, लोकसभा सांसद महोबा मांझी, विधायक अंबा प्रसाद आदि ने प्रतिभाग किया। उत्तराखंड के प्रतिनिधि मंडल ने अतिथियों को उत्तराखंड की पहाड़ी टोपी भेंट की।

झारखंड के मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक मंच से घोषणा की कि इस वर्ष 15 अगस्त तक शासनादेश जारी कर झारखंड में पुरानी पेंशन बहाल करेंगे। वक्ताओं ने कहा कि नेतृत्व में राजस्थान एवं छत्तीसगढ़ में पूर्व में ही पुरानी पेंशन बहाल हो चुकी है। अब आने वाले दिनों में तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, बिहार एवं पंजाब में पुरानी पेंशन बहाल होने की संभावना है। उत्तराखंड में भी पुरानी पेंशन बहाल कराने को आंदोलन तेज किया जाएगा। इसी क्रम में शीघ्र ही उत्तराखंड में भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक की जाएगी।

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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