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जर्मन नागरिक से साइबर ठगों ने डिजिटल गिरफ्तारी का डर दिखाकर 30 लाख रुपये ठगे
उत्तरकाशी के महाऋषि आश्रम में रहने वाले जर्मन नागरिक 83 वर्षीय हेनरिच रॉडर से साइबर ठगों ने डिजिटल गिरफ्तारी का डर दिखाकर 30 लाख रुपये ठग लिए। आरोपियों ने उन्हें जेट एयरवेज के नरेश गोयल केस में फंसे होने की बात कही थी। इसके बाद उनसे 36 लाख रुपये की और मांग की गई। मगर, जब वह अपने दो साथियों को लेकर पुलिस थाने पहुंचे तो पता चला कि उनके साथ ठगी हुई है। मामले में साइबर थाना देहरादून में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
हेनरिच रॉडर ने पुलिस को बताया कि उन्हें दो मार्च को एक व्हाट्सएप कॉल आई थी। उसके डीपी में भारत सरकार लिखा हुआ था। कॉल करने वाले ने खुद को कोलाबा पुलिस स्टेशन मुंबई से बताया और कहा कि वह भारत सरकार की खुफिया एजेंसी के लिए काम कर रहा है। इस वक्त जेट एयरवेज के पूर्व चेयरमैन नरेश गोयल के मामले की जांच चल रही है। कॉल करने वाले ने बताया कि इस जांच में गोयल के घर हेनरिच रॉडर का एक आधार कार्ड मिला है। यही नहीं इन दस्तावेज में 68 करोड़ रुपये का लेनदेन उनके खाते में पाया गया है। यह सब जानकर हेनरिच डर गए और उन्होंने आगे की प्रक्रिया के बारे में पूछा। इस पर उन्हें बताया गया कि वह इस वक्त डिजिटल गिरफ्तार कर लिए गए हैं। जांच में सहयोग और इस मामले से बचने के लिए उन्हें 30 लाख रुपये जमा करने होंगे।
इस पर हेनरिच ने कॉल करने वालों के बताए बैंक खातों में दो बार में 11 और फिर 19 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद उनसे फिर से 36 लाख रुपये की मांग की गई। मगर इस बार हेनरिच ने थोड़ा सोचा और अपने दो साथी अलल्फर्ड प्रीफर और सोरेन क्वेड्ट को लेकर डूंडा थाने पहुंचे। वहां उन्हें बताया गया कि यह सब उनके साथ धोखाधड़ी की जा रही है। इसे लेकर उन्होंने साइबर थाना देहरादून में शिकायत करने को कहा। सीओ साइबर अंकुश मिश्रा ने बताया कि हेनरिच की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है।

