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संकटमोचन खबर: खाता है शून्य तब भी निकाल सकते है 10 हज़ार से 1.5 लाख तक की रक़म

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कई बार व्यक्ति के सामने ऐसा समय आता है, जब उसके पास अकाउंट में बैलेंस जीरो होता है, साथ ही उसे कोई जरूरी काम पड़ जाता है. ऐसे लोगों को निराश होने की जरूरत नहीं है. क्योंकि बैंक आपको अकाउंट में बैलेंस जीरो होने के बावजूद भी पैसे दे देता है. हालाकि बैंक की इस सुविधा का ज्यादा लोगों को नहीं पता है. आपको बता दें कि जब अकाउंट में एक भी पैसा न हो, ऐसी स्थिति में बैंक आपको ओवरड्राफ्ट सुविधा के तहत कुछ चीज गिरवी रखने के बाद पैसे निकालने की अनुमति दे देता है. इस सुविधा के तहत आप 10 हजार रुपए ही निकाल सकते हैं.

आपको बता दें कि ओवरड्राफ्ट सुविधा को एक छोटी अवधि के कर्ज की तरह समझा जा सकता है. जिसके जरिए खाताधारक तब भी अपने अकाउंट से पैसे निकाल सकता है जब उसके का बैलेंस जीरो हो. लगभग सभी सरकारी और प्राइवेट बैंकों में ओवरड्राफ्ट सुविधा मिलती है. ज्यादातर बैंकों में ये सुविधा करंट अकाउंट, सैलरी अकाउंट या फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिलती है. कुछ बैंकों में शेयर, बॉन्ड, सैलरी, इंश्योरेंस पॉलिसी, घर, संपत्ति जैसी चीजों पर भी ओवरड्राफ्ट मिलता है.

ओवरड्राफ्ट में आपको कितनी रकम मिलेगी ये इस बात पर निर्भर करेगा कि आप क्या गिरवी रख रहे हैं. ओवरड्राफ्ट के लिए बैंक के पास आपको कुछ न कुछ गिरवी रखना होगा. मसलन, फिक्स्ड डिपॉजिट, शेयर या कोई अन्य कीमती सामान. इसी आधार पर आपका ब्याज भी तय होगा. जैसे अगर बैंक में आपकी 2 लाख रुपये की एफडी है तो आपको तकरीबन 1.50 लाख रुपये तक का ओवरड्राफ्ट मिल सकता है. शेयर, बॉन्ड और डिबेंचर के मामले में ये राशि कम या ज्यादा हो सकती है.

अगर आप ओवरड्राफ्ट नहीं चुका पाते हैं तो आपके द्वारा गिरवी रखी गई चीजों से इसकी भरपाई होगी. लेकिन अगर ओवरड्राफ्टेड अमाउंट गिरवी रखी गई चीजों की वैल्यु से ज्यादा है तो बाकी के पैसे आपको चुकाने होंगे. ओवरड्राफ्ट उन लोगों को आसानी से मिलता है जिनका बैंक में सैलरी अकाउंट है. इसके लिए आपके खाते में नियमित 6 सैलरी क्रेडिट दिखानी होगी.

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संपादक

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