अंतरराष्ट्रीय
जानें- क्यों एक बंदर की तलाश में फूले हैं पेंसिल्वेनिया पुलिस के हाथ-पांव, लोगों को किया गया सतर्क
अमेरिका में बीते दो दिन से कुछ बंदरों की वजह से पुलिस के हाथ-पांव फूले हुए हैं। दरअसल, ये कोई आम बंदर नहीं हैं बल्कि प्रयोग के लिए ले जा रहे लंबी पूंछ वाले मैकाक बंदर हैं। इनको शुक्रवार को ही मारिशस से अमेरिका ले जाया गया था। करीब सौ बंदरों को न्यूयार्क से सड़क के रास्ते पेंसिल्वेनिया की मेडिकल लैब ले जाया जा रहा था। उसी वक्त इन बंदरों को ले जा रहे ट्रक का पेंसिल्वेनिया के डेनविले में एक्सीडेंट हो गया, जिसके बाद इस ट्रक में मौजूद चार बंदर भाग निकले। पुलिस ने जानकारी मिलने के तुरंत बाद ही इनकी तलाश भी शुरू कर दी। इनकी तलाश के लिए हेलीकाप्टर तक की मदद ली गई और आखिरकार बड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने तीन बंदरों को पकड़ भी लिया। इस बीच सीडीसी की तरफ से कहा गया है कि तीन बंदरों की मौत यूथेंसिया के बाद हो गई है।
फिलहाल लापता एक बंदर पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ है। पुलिस ने एक ट्वीट में लोगों से अपील करते हुए कहा है कि यदि कोई भी इस बंदर को देखे तो इसकी जानकारी तुरंत पुलिस को दे और उसके पास जाने की भूल कभी न करे। स्थानीय वेब मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से कहा गया है कि पुलिस ने सिनोमोलगस बंदरों को ट्रैक करने के लिए हेलीकाप्टर के अलावा थर्मल कैमरों का भी इस्तेमाल किया है। वहीं जमीन पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने बेहद तेज फ्लैशलाइट का इस्तेमाल किया था। पेंसिल्वेनिया पुलिस पुलिस ने लापता बंदर की एक फोटो भी ट्वीट की है जो कड़ाके की ठंड की रात के दौरान रूट 54 से दूर एक पेड़ पर बैठा पाया गया था। स्थानीय रिपोर्टर का कहना है कि एक व्यक्ति उसको गोली मारने वाला था इससे पहले ही पुलिस वहां पर आ गई। हालांकि इसको पकड़ने में पुलिस को नाकामी ही हाथ लगी।
पुलिस ने एक ट्वीट में कहा है कि इस बंदर का अब तक कोई पता नहीं चल सका है। इसमें कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति इसको पकड़ने की कोशिश न करे। आपको बता दें कि लंबी पूंछ वाले सिनोमोलगस बंदर को मैकाक के रूप में भी जाना जाता है। इनकी कीमत की बात करें तो ये बेहद कीमती होते हैं। एक बंदर की कीमत करीब साढ़े सात लाख रुपये तक हो सकती है। दुनिया भर में फैली कोरोना महामारी में शोध और अनुसंधान के लिए पूरी दुनिया में इनकी मांग बड़ी तेजी से बढ़ी है। आपको बता दें कि वैज्ञानिक इन जानवरों पर ही सबसे पहले दवाओं का उपयोग कर उसका परिणाम जानते हैं। इसके बाद ही कोई दवा लैब से बाहर आकर टेस्ट की जाती हे। इस किस्म के बंदर 30 साल तक कैद में रह सकते हैं।