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सीज फायर के बहाने गुटबाजी पर कांग्रेस की सर्जिकल स्ट्राइक… हर दा ने बाजा बजाया तो नाच उठे कांग्रेसी
हल्द्वानी। कांग्रेस की जय हिंद रैली में सीजफायर का विरोध और भाजपा सरकार पर हमला। होने को यह राजनीतिक कार्यक्रम भाजपा सरकार को घेरने के लिए था, मगर मंच पर कांग्रेसियों की एक साथ मौजूदगी से लगा कि भाजपा को सीजफायर के बहाने घेरने वाली कांग्रेस खुद की गुटबाजी पर 2027 चुनाव के चलते सर्जिकल स्ट्राइक कर रही है।





यह एक माहौल बनाने की भी कोशिश थी सभी कांग्रेसियों को साथ लेकर आगे बढ़ने की। इस पूरे कार्यक्रम में केंद्र बिंदु हरीश रावत के साथ ही उनकी इस बीच लगातार बढ़ती सक्रियता भी इस तरफ इशारा कर रही है कि वह कांग्रेस के सत्ता की धुरी बनने की पूरी कोशिश में हैं।
काफी लंबे समय बाद कांग्रेसी नेता यहां जय हिंद रैली के बहाने एक दिखाई दिए। गुटबाजी जैसा यहां कुछ नजर नहीं आया, और तो और हरीश रावत से काफी दूरी बनाने वाले उनके मुख्यमंत्रित्वकाल में साथ रहे नेता भी यहां पहुंचकर नारेबाजी करते दिखे। प्रदेश अध्यक्ष करन मेहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य हों या पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल समेत तमाम कांग्रेसी नेता यहां हाथों में तिरंगा लिए साथ नजर आए। इधर राजनीतिक गलियारों में इस बात की जोरशोर से चर्चा है कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की इन दिनों सक्रियता में एकाएक इजाफा हुआ है। गुटबाजी छोड़ कांग्रेस को एक करने की उनकी कोशिशें इस बीत लगातार जारी हैं। इसी के चलते पिछले सप्ताह उन्होंने कुमाऊं के अलग-अलग स्थानों का दौरा कर तमाम नेताओं की कांग्रेस में वापसी के प्रयास भी किए हैं। इसमें वह कितना सफल हो पाएं हैं कि यह बात अलग है, मगर उनकी मंशा साफ नजर आ रही है। माना जा रहा है कि 2027 को सामने देख यह सब कवायद हो रही है।
हरीश रावत की उम्र के लिहाज से भी आने वाला विधानसभा चुनाव उनका संभावित आखिर चुनाव माना जा रहा है। इस् कारण उनकी कोशिश यह होगी कि इस बार पूरा जोर लगाकर सत्ता के करीब पहुंचा जाए। हरीश रावत के साथ ही उनके समर्थकों में भी इस बात लेकर उत्साह है। अंदरूनी तौर पर कांग्रेसी नेताओं के मन में क्या है, यह तो वही जानें, मगर सामने कार्यक्रमों में दिख रही उनकी शीरिरिक भाषा फिलहाल एक हो जाओ का संदेश जरूर दे रही है।

