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राजनीति: लोगों ने कांग्रेस को आखिर क्यों की नमस्कार, तो गुटबाजी ले डूबी कांग्रेस को हरियाणा में…

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हरियाणा विधानसभा चुनाव नतीजों के रुझानों में भाजपा ने बहुमत पा लिया है। हालांकि अभी अंतिम नतीजों के बाद ही स्थिति साफ हो सकेगी, लेकिन मौजूदा स्थिति के आधार पर कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के कारणों की चर्चा शुरू हो गई है। कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के पीछे जो सबसे प्रमुख वजह सामने आ रही हैं, उनमें से एक है गुटबाजी। चुनाव के दौरान ही राज्य में पार्टी के चेहरे पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा और पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा के बीच के मतभेद उजागर हो गए थे।

हरियाणा में भूपेंद्र हुड्डा और कुमारी सैलजा में दिखे थे मतभेद

हरियाणा में कुमारी सैलजा और पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा दोनों ही सीएम पद के दावेदार माने जा रहे हैं। यही वजह है कि दोनों नेताओं के बीच खटपट की खबरें अक्सर सुर्खियां बनती रही हैं। भूपेंद्र हुड्डा हरियाणा के प्रमुख जाट नेता हैं और बीते कई वर्षों से वह हरियाणा में कांग्रेस का प्रमुख चेहरा रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में भी भूपेंद्र हुड्डा का चेहरा ही आगे था, लेकिन उसमें कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था। यही वजह है कि इस बार हरियाणा में कांग्रेस के प्रमुख चेहरों में भूपेंद्र हुड्डा शामिल तो थे, लेकिन पार्टी ने अन्य नेता भी सीएम पद की रेस में बने हुए थे, और इनमें सबसे प्रमुख चेहरा कुमारी सैलजा का है। कुमारी शैलजा हरियाणा में दलित राजनीति का प्रमुख चेहरा हैं। साथ ही वह पांच बार सांसद रह चुकी हैं और कांग्रेस सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रह चुकी हैं। साथ ही सीएम पद की रेस में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला का नाम भी सामने आ रहा था। ऐसे में माना जा रहा है कि नेतृत्व को लेकर ये असमंजस की स्थिति कांग्रेस को ले डूबी।

भूपेंद्र हुड्डा ने कहा- न मैं टायर्ड हूं और न रिटायर्ड- दो बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे, हाईकमान में मजबूत पकड़।- लोकसभा और विधानसभा चुनाव में प्रचार की कमान संभाली। – सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने मुख्यमंत्री पद के लिए अपने पिता भूपेंद्र सिंह हुड्डा की पैरवी की। सांसद ने कहा कि हुड्डा साहब ने बड़ी मेहनत की है। चुनाव में सबका योगदान है, इससे कांग्रेस मजबूत हुई है। – वहीं, भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सीएम के सवाल पर कहा कि न मैं टायर्ड हूं और न रिटायर्ड।

कुमारी सैलजा: हाईकमान को सब पता है- प्रदेश में पांच बार की सांसद, केंद्र सरकार में मंत्री भी रह चुकीं।- हरियाणा का बड़ा दलित चेहरा, सोनिया गांधी से पारिवारिक संबंध।- छत्तीसगढ़ की प्रभारी रही, मौजूदा समय में उत्तराखंड की प्रभारी।- सैलजा का कहना है कि फैसला विधायक दल की बैठक में होगा। कई उम्मीदें होती है लोगों की, चाहे दलित की बात हो या महिला की हो, हाईकमान को सब पता है।

रणदीप सुरजेवाला: मेरे पास भी विजन- हरियाणा के तेजतर्रार नेताओं में गिनती, पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला को हरा चुके।- हुड्डा सरकार में दस साल संकटमोचक की भूमिका में रहे।- कर्नाटक के प्रभारी, पार्टी के मीडिया प्रमुख रहे।- सुरजेवाला का कहना है कि अगर चुनाव नहीं लड़ा तो इसका मतलब यह नहीं है कि सरकार चलाने की आकांक्षा नहीं है। सीएम उम्मीदवार के पास हरियाणा में बदलाव और किसानों के जीवन में खुशहाली लाने का विजन होना चाहिए। मेरे पास हरियाणा के विकास का विजन है। अमर उजाला साभार

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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