उत्तराखण्ड
चारधाम यात्रा: एक सप्ताह में 20 तीर्थ यात्रियों की मौत
दो साल प्रतिबंध के बाद तीन मई से शुरू हुई चारधाम यात्रा में तीर्थ यात्रियों की तादाद बढ़ती जा रही है। सीमित संसाधनों और कठिन परिस्थितियों के बीच वृद्ध और बीमार तीर्थयात्रियों की जान पर पैदल यात्रा भारी पड़ रही है। भले ही सरकार चारधाम यात्रा मार्गो पर स्वास्थ्य सेवाओं कै पुख्ता इंतजाम के दावे कर रहे हैं, लेकिन बीते एक सप्ताह में 20 तीर्थ यात्रियों की मौत धरातल की सच्चाई को बयां कर रही है।
दरअसल कोरोना की वजह से दो साल बाद चारधाम यात्रा पूरी क्षमता के साथ संचालित हो रही है। केदारनाथ, बदरीनाथ गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में क्षमता से दोगुने से अधिक यात्री दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। जिससे श्रद्धालुओं को अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ रहा है। इस बार यात्रा शुरू होने के एक सप्ताह भीतर 20 तीर्थ यात्रियों की पैदल यात्रा करते समय अचानक मौत हुई है। जिसने प्रशासन को चिंता में डाल दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार उत्तरकाशी जनपद के गंगोत्री तथा यमुनोत्री धाम में 14 तीर्थ यात्रियों की मौत हो चुकी है। जिसमें एक नेपाली मजदूर भी शामिल हैं। वहीं केदारनाथ धाम में 5 और बदरीनाथ धाम में 1 श्रदालु की मौत हुई है। बताया जा रहा है कि अधिकांश मौतें दिल के दौरे के कारण और 60 से अधिक उम्र के लोगों की हुई हैं, जिन्हें बल्ड प्रेशर और शुगर जैसी कई बीमारियां थी। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 2017 में यात्रा के दौरान 112 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी, जबकि 2018 यात्रा सीजन के दौरान 102 तीर्थयात्रियों की जान चली गई थी।

