उत्तराखण्ड
छात्र संघ चुनाव निरस्त किया जाना स्वस्थ लोकतंत्र प्रणाली के लिए ठीक नहीं: सौरभ भट्ट
हल्द्वानी। कांग्रेस नेता सौरभ भट्ट ने छात्र संघ चुनाव निरस्त कराए जाने को लेकर भाजपा सरकार पर हमला बोला है। छात्रसंघ चुनाव निरस्त करने पर भड़के सौरभ भट्ट ने इसे लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए अशुभ करार दिया। पंडित गोविंद बल्लभ पंत से लेकर कई बार के मुख्यमंत्री रहे पंडित नारायण दत्त तिवारी तक की राजनीति का उदाहरण देते हुए सौरभ भट्ट ने कहा कि छात्र राजनीति मुख्य राजनीति का पहला पायदान होता है। उत्तराखण्ड के कई बड़े नेता छात्र राजनीति से आगे बढ़े और देश दुनिया में नाम रोशन किया।
सौरभ भट्ट ने कहा कि लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने सही कहा था कि भाजपा संविधान को खत्म करना चाहती है। अगर भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ सरकार चला रही होती तो अब तक उसके नेता और भी बेलगाम हो चुके होते। सौरभ भट्ट का सवाल है कि चुनाव कराने से सरकार आखिर डर क्यों रही है। सौरभ भट्ट ने कहा कि आज पीएम, सीएम और डीएम यह त्रिकोणीय प्रणाली लोकतंत्र का सत्यानाश करने पर तुली हुई है।
कांग्रेस नेता सौरभ भट्ट ने निकाय चुनाव में हो रही देरी पर भी गुस्से का इज़हार किया है। उन्होने कहा कि निकायों को भंग हुए एक साल हो गया है, लेकिन सरकार चुनाव कराने का कोई प्रयास नहीं कर रही है। मामला हाईकोर्ट पहुंचा तो सरकार ने हाईकोर्ट को भी गुमराह किया। 25 दिसंबर तक चुनाव करा दिए जाएंगे ऐसे कोई आसार फिल्हाल नज़र तो नहीं आते। अब सुनने में तो यहां आ रहा है कि सरकार निकाय चुनावों को और आगे बढ़ा सकती है। संभावना जताई जा रही है कि चुनाव अगले साल फरवरी तक कराए जा सकते हैं। सौरभ भट्ट ने कहा कि हाई कोर्ट में निकाय चुनाव कार्यक्रम देने के बाद भी यदि अब भी सरकार चुनाव नहीं कराती है तो यह लोकतंत्र के लिए बहुत बड़े खतरे की घंटी है।