अंतरराष्ट्रीय
बोरिस जॉनसन ने भारत के साथ रिश्तों को नई दिशा दी, पीएम मोदी के साथ रहा है घनिष्ठ संबंध
लंदन. ब्रिटिश प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन ने गुरुवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. अब उनकी पारी लंदन के 10 डाउनिंग स्ट्रीट में जल्द ही समाप्त हो जाएगी. उनकी इस घोषणा के बीच ब्रिटिश प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल को भारत-ब्रिटेन संबंधों को ‘व्यापक रणनीतिक साझेदारी’ के रास्ते पर आगे बढ़ाने के लिए याद किया जाएगा. जॉनसन भारत के साथ ब्रिटेन के करीबी संबंधों के मुखर समर्थक रहे और उनका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ स्पष्ट रूप से घनिष्ठ संबंध था और वह अक्सर उन्हें खास दोस्त बताया करते थे.
2030 तक भारत के साथ संबंधों को रोडमैप बनाया
दोनों प्रधानमंत्रियों ने द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ़ बनाने के लिए काम किया और उन्होंने पिछले साल मई में 2030 ब्रिटेन-भारत रोडमैप के हिस्से के तहत ‘उन्नत व्यापार भागीदारी’ की. इसका मकसद द्विपक्षीय व्यापार को करीब 24 अरब ब्रिटिश पाउंड को 2030 तक दोगुना करना है. इसके साथ ही मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) संबंधी वार्ता की भी शुरुआत हुई और अप्रैल में जॉनसन की भारत यात्रा के दौरान इस साल दीवाली तक मसौदा समझौते की समय सीमा को लेकर सहमति बनी.
एफटीए के संदर्भ में जॉनसन ने कहा था, ‘इससे दशक के अंत तक हमारा व्यापार और निवेश दोगुना हो सकता है, उपभोक्ताओं के लिए कीमतें कम हो सकती हैं और पूरे ब्रिटेन में वेतन में तीन अरब पाउंड तक की वृद्धि हो सकती है.
जॉनसन ने भारत को अविश्वसनीय शक्ति बताया था
जॉनसन ने अपनी भारत यात्रा के दौरान कहा था कि भारत एशिया में एक अविश्वसनीय बढ़ती शक्ति है और दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. उन्होंने कहा कि भारत 2050 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है और भारत हिंद-प्रशांत में भी हमारा सबसे बड़ा भागीदार है. जॉनसन पिछले कुछ समय से अपनी पार्टी में ही असंतोष का सामना कर रहे थे. कोरोना वायरस महामारी के बाद बतौर प्रधानमंत्री इससे निपटने के तौर-तरीकों और लॉकडाउन के दौरान नियमों का उल्लंघन कर सरकारी कार्यालय में होने वाली पार्टियों ने जॉनसन की छवि को नुकसान पहुंचाया.
इसके अलावा, पार्टी के एक वरिष्ठ सांसद पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों से निपटने के मामले में भी उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ा. अंतत: जॉनसन ने बृहस्पतिवार को अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी.