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हल्द्वानी: मेयर पद पर कोई “नवीन” प्रयोग करेगी भाजपा सीट ओबीसी आरक्षित होने के बाद !!!!
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हल्द्वानी। नगर निकाय चावन के लिए शनिवार को शासन से आरक्षण की अनंतिम सूची जारी होने के बाद प्रदेश की तमाम सीटों पर गणित ही बदल गया है। भारतीय जनता पार्टी हो चाहे कांग्रेस, दोनों ही दलों में अब तक निगम और निकायों की चुनाव तैयारी कर रहे तमाम प्रत्याशी अब सकते में हैं। खासकर हल्द्वानी नगर निगम जैसी बड़ी सीट पर तो प्रत्याशियों को लेकर अभी हलचल चल ही रही थी कि ओबीसी आरक्षण लागू होते ही तमाम लोगों के सपनों पर जैसे कुठाराघात ही हो गया हो। हालांकि प्रत्याशी तमाम तरह से अभी यह गणित लगाने में हैं कि अंतिम सूची प्रकाशन से पहले हल्द्वानी सीट पर आरक्षण की स्थिति में शायद कोई बदलाव हो। यह बात तो अभी सामने आएगी मगर फिलहाल पार्टियां इस बात पर जोर लगाने में व्यस्त हो गई हैं कि ओबीसी आरक्षण की स्थिति में इन सीटों पर आखिर उनका प्रत्याशी कौन होगा।
हल्द्वानी की मेयर सीट पर भारतीय जनता पार्टी की ओर से इस वक्त तमाम लोग तैयारी में लगे थे। निर्वातमान मेयर डॉक्टर जोगिंदर सिंह रौतेला के अलावा भी तमाम लोगों ने इस बार मेयर पद को लेकर दावेदारी के लिए जोर लगा रखा है। इन उम्मीदवारों की दावेदारी उनके हाल फिलहाल हल्द्वानी में हुए तमाम कार्यक्रमों से लेकर बैनर पोस्टर में नजर आ रही है। डॉ जोगिंदर के अलावा इस समय जो नाम चर्चा में है उनमें प्रमोद तोलिया, कौस्तुबानंद जोशी समेत अन्य नाम भी शामिल हैं, मगर शनिवार को आरक्षण की स्थिति जारी होते ही परिदृश्य ही बदल गया है।
अब चूंकि हल्द्वानी नगर निगम में मेयर की सीट अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रत्याशी के लिए आरक्षित प्रस्तावित की गई है, इस लिहाज से अन्य पिछड़ा वर्ग का प्रत्याशी कौन होगा इस पर भारतीय जनता पार्टी में असमंजस और कशमकश की स्थिति पैदा हो गई है। पार्टी के पास इस समय ओबीसी नेता के रूप में कोई भी ऐसा चेहरा सामने नहीं है जिसे जनता का चेहरा माना जाए और उसे प्रत्याशी बनाया जा सके। ऐसे में शहर के ओबीसी वर्ग के एक वरिष्ठ व्यापारी नेता को लेकर कल से ही यहां चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। भाजपा के नेताओं को अब एक जौहरी के रूप में ऐसे हीरे की तलाश है जो कि नगर निगम में मेयर पद की सीट के लिए दावेदारी कर सीट जीत सके। व्यापारी नेता अपने अनुभव के हिसाब से सोने की तरह काफी तपे हुए माने जाते हैं। हल्द्वानी समेत पूरे प्रदेश में भी व्यापारियों के एक बड़े वर्ग का यह व्यापारी नेता नेतृत्व करते हैं। बताया जा रहा है कि इन व्यापारी नेता ने इस बार नगर निगम में निर्दलीय चुनाव लड़ने की भी ठानी है मगर अब क्योंकि सीट ओबीसी के लिए आरक्षित हो गई है इस हिसाब से अब उन्हें भी पूरा परिदृश्य बदला सा नजर आने लगा है। कल से शहर में यह चर्चा आम है कि भारतीय जनता पार्टी के लिए अगर ओबीसी सीट अंतिम रूप से जारी होती है तो उक्त व्यापारी नेता ही सर्वमान्य हो सकते हैं। भाजपा की आदत किसी भी सूरत में चुनाव जीतने की रही है, ऐसे में हल्द्वानी जैसे बड़े नगर निगम में जीत तय करना भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिकताओं में होगा। यूं भी भाजपा एक ऐसी पार्टी मानी जाती है जिसे किसी भी चुनाव में किसी भी नवीन प्रयोग करने में कोई परहेज नहीं होता है। अब देखना है आगे आगे क्या होता है।
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