Connect with us

others

बड़ी खबर: 1 अप्रैल से उत्तराखंड में शराब हो जाएगी महंगी, ओवर रेट मिलने पर अब रद्द शराब दुकानों का लाइसेंस

खबर शेयर करें -

देहरादून। उत्तराखंड में एक अप्रैल से नई शराब नीति-2025 लागू होते ही शराब की कीमतें बढ़ना तय है। हालांकि आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि शराब कंपनियां अन्य राज्यों के मुकाबले बहुत अधिक कीमत नहीं बढ़ा सकती, लेकिन राजस्व लक्ष्य हासिल करने के लिए कुछ बढ़ोतरी जरूर होगी।

आबकारी विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 5060 करोड़ का बड़ा लक्ष्य रखा है, जो पिछले साल के मुकाबले 621 करोड़ रुपये (लगभग 14 फीसदी) अधिक है। वहीं, दाम बढ़ने के साथ राहत की खबर भी है कि अब कहीं भी शराब ओवररेट नहीं होगी, यदि किसी ने ठेके पर एमआरपी से अधिक कीमत वसूलने की हिमाकत हुई तो नई नीति में लाइसेंस रद्द करने का प्रावधान किया गया है। अभी तक सिर्फ जुर्माना वसूलने का प्रावधान था, इसलिए ओवररेट पर अंकुश नहीं लग पा रहा था।

2025-26 में रिकॉर्ड लक्ष्य

पिछले दो वित्तीय वर्ष में आबकारी नीति से राजस्व में रिकॉर्ड बिक्री को देखते हुए वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए सबसे बड़ा लक्ष्य (5060 करोड़) रखा गया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में यही लक्ष्य 4000 करोड़ था, जिसके मुकाबले 4038.69 करोड़ का राजस्व जुटाया गया। उत्साहित होकर वित्तीय वर्ष 2024-25 में 4439 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया, जिसमें फरवरी की समाप्ति तक लगभग 4000 करोड़ रुपये प्राप्त हो चुके हैं। नई नीति में धार्मिक क्षेत्रों के महत्व को ध्यान में रखकर वहां ठेकों का लाइसेंस बंद करने का निर्णय लिया है। शराबे की बिक्री और नियंत्रित करने के लिए उप-दुकानों और मैट्रो मदिरा बिक्री व्यवस्था को भी समाप्त किया है। ठेकों के साथ डिपार्टमेंटल स्टोर्स पर भी शराब एमआरपी पर ही बिकेगी।

पर्वतीय क्षेत्रों में वाइन दूरिज्म को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य में उत्पादित फलों से वाइनरी इकाइयों को बढ़ावा दिया जाएगा। पर्वतीय क्षेत्रों के कृषकों व बागवानों को अपनी उपज के लिए उपयुक्त बाजार न मिलने से नुकसान उठाना पड़ता था, लेकिन अब राज्य में उत्पादित फलों से वाइन तैयार करने वाली इकोइयों (वाइनरी) को अगले 15 सालों तक आबकारी शुल्क इत्यादि से मुक्त रखने का प्रावधान किया है। इस कदम से किसानों को नया बाजार और आर्थिक सुरक्षा मिलेगी। स्थानीय कृषि उत्पादों को डिस्टिलरी (आसवनी इकाइयों) में प्रयोग के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

थोक मदिरा लाइसेंस केवल उत्तराखंड के निवासियों को, निवेश को मिलेगा प्रोत्साहन

नई आबकारी नीति में थोक मदिरा अनुज्ञापन केवल उत्तराखंड के निवासियों को जारी किए जाएंगे। माल्ट एवं स्प्रिंट उद्योगों को पर्वतीय क्षेत्रों में विशेष सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। मदिरा उद्योग में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए निर्यात शुल्क में कटौती की गई है। आवंटन प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने का दावा है, जिसके तहत नवीनीकरण, लॉटरी और अधिकतम ऑफर जैसी पारदर्शी प्रक्रियाओं के संध्यम से दुकानें आवंटित की जाएंगी।

Continue Reading

संपादक - कस्तूरी न्यूज़

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in others

Advertisiment

Recent Posts

Facebook

Trending Posts

You cannot copy content of this page