उत्तराखण्ड
बड़ी खबर: प्रदेश में कर्मचारियों के तबादले अब हो सकेंगे 10 जुलाई तक
प्रदेश में कर्मचारियों के तबादले अब 10 जुलाई तक हो सकेंगे। मंगलवार को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि फाइल को अनुमोदन के लिए मुख्यमंत्री के पास भेजा जाएगा। लोकसभा चुनाव की वजह से राज्य में 15 हजार से अधिक कर्मचारियों के तबादले लटक गए थे। तबादला एक्ट के तहत 10 जून तक तबादला आदेश जारी करने की अंतिम तिथि थी, लेकिन अधिकतर विभाग तय तिथि तक तबादला आदेश जारी नहीं कर पाए।
कुछ विभाग तो इसे लेकर अभी प्रक्रिया भी शुरू नहीं कर पाए। अपर सचिव कार्मिक ललित मोहन रयाल के मुताबिक, सभी विभागों को तबादलों के लिए 10 जुलाई तक का समय दिया गया है। जिन विभागों की ओर से तबादलों के लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है, वे विभाग तैयार प्रस्ताव के अनुसार तय तिथि से पहले कभी भी तबादला आदेश जारी कर सकते हैं। जिन विभागों में तबादला आदेश जारी कर दिया गया है, उन विभागों के तबादले मान्य होंगे।
तबादलों से छूट के लिए नहीं आया अभी प्रस्ताव
उत्तराखंड लोक सेवकों के लिए वार्षिक स्थानांतरण विधेयक 2017 के तहत कर्मचारियों और अधिकारियों के तबादले होते हैं, लेकिन कुछ विभाग विशेष परिस्थितियों का हवाला देते हुए अनिवार्य तबादलों से छूट की मांग करते हैं। अपर सचिव कार्मिक ललित मोहन रयाल के मुताबिक, कार्मिक विभाग के पास अभी इस तरह का कोई प्रस्ताव नहीं आया।एक्ट में कहीं नहीं है कि नहीं होगी काउंसलिंगशिक्षा विभाग ने शासन को शिक्षकों के तबादलों के लिए काउंसलिंग को लेकर दिशा निर्देश जारी करने का अनुरोध किया है। जिस पर कार्मिक विभाग का कहना है कि तबादला एक्ट में कहीं नहीं है कि काउंसलिंग नहीं होगी। शिक्षा विभाग इस पर निर्णय ले।
तबादला एक्ट के तहत अपनानी होगी ये प्रक्रिया
तबादला एक्ट के तहत विभागाध्यक्ष को पहले कार्यस्थल का मानक के अनुसार चिन्हीकरण करना होगा। सभी विभाग तबादलों के लिए समिति का गठन करेंगे। हर संवर्ग के लिए सुगम, दुर्गम क्षेत्र के कार्यस्थल और खाली पदों की सूची जारी की जाएगी। अनिवार्य तबादलों के लिए पात्र कर्मचारियों से 10 इच्छित स्थानों के विकल्प लिए जाएंगे। प्राप्त विकल्पों और आवेदन पत्रों का विवरण वेबसाइट पर प्रदर्शित किया जाएगा। इसके बाद 10 जुलाई तक तबादले किए जाएंगे। अमर उजाला साभार