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बड़ी खबर: आबकारी आयुक्त को एक सप्ताह के भीतर पांच लाख जमा करने के निर्देश, कहा- बार और रेस्टोरेंट में शराब बेचने से पवित्र शहर की पवित्रता प्रभावित नहीं होगी, तो डिपार्टमेंटल स्टोर से कैसे?
नैनीताल। हाईकोर्ट ने ऋषिकेश नगर निगम सीमा के समीप व सीमा से बाहर शराब की छह डिपार्टमेंटल स्टोर का नवीनीकरण निरस्त किए जाने के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई के बाद आबकारी आयुक्त को एक सप्ताह के भीतर पांच लाख रूपये जमा करने के निर्देश दिए हैं।
कोर्ट ने टिप्पणी कर कहा यह विडंबना है कि केवल एक विशेष स्थान को पवित्र स्थान कहा जा रहा है, जबकि पूरा राज्य ही देवभूमि कहलाता है।कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि यदि ऐसा पाया जाता है कि आबकारी आयुक्त की कार्यवाही मनमानीपूर्ण व गलत तरीके से की गई है तो यह धनराशि याचिकाकर्ताओं को दी जाएगी वरना यह राशि आयुक्त को वापस कर दी जाएगी। कोर्ट ने आयुक्त को आवेदन के नवीनीकरण की प्रक्रिया तत्काल शुरू करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 15 अप्रैल की तिथि नियत की है।
मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार पवन कुमार व अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि नीति के तहत आबकारी विभाग ने ऋषिकेश में छह स्टोर का नवीनीकरण यह कहते हुए मना कर दिया कि ये पवित्र स्थानों के नजदीक स्थित हैं। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि बार, रेस्टोरेंट, रिसोर्ट और अन्य विक्रेताओं के लाइसेंस नवीनीकृत किए गए हैं केवल उनके ग्राहकों के लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं किया गया है।
कोर्ट ने कहा कि इस दृष्टिकोण में विरोधाभास यह है कि यदि छह दुकानों को शराब बेचने की अनुमति दी जाती है, तो इससे पवित्र शहर की पवित्रता प्रभावित होगी। लेकिन बार और रेस्टोरेंट में शराब बेचने से पवित्र शहर की पवित्रता प्रभावित नहीं होगी। इससे अधिक विरोधाभासी और विडंबनापूर्ण कुछ नहीं हो सकता।

