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बड़ी खबर: शिक्षक, प्राध्यापक और शिक्षणेत्तर कर्मियों के कुमाऊं से गढ़वाल और वहां से कुमाऊं तबादले जल्द

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हल्द्वानी। शिक्षकों, प्राध्यापक और गैर शिक्षणेत्तर कर्मियों को प्रदेश सरकार जल्द बड़ी राहत देने जा रही है। कुमाऊं से गढ़वाल और वहां से कुमाऊं में स्थानांतरण की लंबे समय से मांग कर रहे कर्मियों का सरकार इसी सत्र में स्थानांतरण कर देगी। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने दुर्गम से सुगम में आने के लिए कुल संख्या के 15 प्रतिशत ही तबादले किए जाने की बाध्यता भी इसी सत्र से समाप्त करने की घोषणा की।

डॉ. रावत ने ये एलान बृहस्पतिवार को अमर उजाला और एमआईईटी की ओर से आयोजित ‘देवभूमि शिक्षा उत्कृष्टता सम्मान-2025’ कार्यक्रम के दौरान की। उन्होंने कहा, धामी सरकार शिक्षा के हर क्षेत्र में बेहतरी के लिए लगातार कार्य कर रही है। जल्द 25 नए डिग्री कॉलेजों का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा सरकार आठ पीजी कॉलेज और 25 मॉडल महाविद्यालय भी बनाएगी। महाविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को डिग्री के लिए भटकना नहीं पड़ेगा, उन्हें मोबाइल फोन पर ही डिग्री उपलब्ध कराने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि 10 हजार एनसीसी कैडेट भी तैयार किए जाएंगे।

प्रमोशन, ट्रांसफर छुट्टी के लिए नहीं भटकना पड़ेगा

डॉ. रावत ने कहा कि शिक्षकों और गैर शिक्षणेत्तर कर्मियों को आवश्यक अवकाश, स्वास्थ्य अवकाश आदि के लिए प्रार्थनापत्र से आवेदन करना पड़ता है। कई बार उन्हें अवकाश भी नहीं मिल पाता है। इस समस्या के समाधान के लिए सरकार मानक संपदा पोर्टल बना रही है। इसमें स्थानांतरण, छुट्टी, पदोन्नति की समस्या का समाधान किया जाएगा।

बेसहारा बच्चों की पूरी जिम्मेदारी उठाएगी सरकार

डॉ. रावत ने कहा, सरकार अनाथ हुए बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने के लिए कार्य कर रही है। प्रदेश भर में ऐसे बच्चों के लिए 19 नए छात्रावास बनाए गए हैं, जहां उन्हें निशुल्क शिक्षा दी जाएगी। उनका कहना है कि समाज के किसी भी वर्ग के बच्चों को शिक्षा से वंचित नहीं किया जाएगा। उन्हें बेहतर शिक्षा और संसाधन मिलें, इसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार उठाएगी।

बस्ते का बोझ होगा कम, एक दिन बैग-फ्री

शिक्षा मंत्री ने कहा कि बच्चों पर बस्ते का अनावश्यक बोझ नहीं लादा जाएगा। कक्षा एक से 12 तक के बच्चों के अनुसार ही उनके बस्ते का वजन निर्धारित किया जाएगा। सप्ताह में एक दिन स्कूल बैग-फ्री रहेगा। इस दिन बच्चे स्कूल में नवाचार, कृषि सहित कई अन्य कार्य कराए जाएंगे। इसका मुख्य उद्देश्य बच्चों को व्यवसायिक शिक्षा के लिए प्रेरित करना है।

उत्तराखंड में 48 फीसदी बच्चे ले रहे हैं उच्च शिक्षा

शिक्षा मंत्री ने कहा, उत्तराखंड के 48 प्रतिशत युवा उच्च शिक्षा ले रहे हैं। जबकि देश भर का औसत देखें तो 27 प्रतिशत युवा उच्च शिक्षा ले रहे हैं। उनका कहना है कि शिक्षा के हर क्षेत्र में सरकार सराहनीय कार्य कर रही है। इस कार्य में प्राध्यापक, शिक्षक और अन्य कर्मचारियों का भी योगदान है। शिक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाए जाए इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

शिक्षा को और अधिक बेहतर बनाने के लिए सम्मानित शिक्षक दे सुझाव

शिक्षा मंत्री ने कार्यक्रम में हुए सम्मानित शिक्षकों से कहा कि वे शिक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए सुझाव दें। इसके लिए वे सीधे लिखकर भेज सकते हैं। उनके सुझावों पर अमल कर शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाया जाएगा। जितने भी शिक्षक सम्मानित हुए हैं, उन्होंने सराहनीय कार्य किए हैं, उनके कार्यों से समाज को नई दिशा मिली है। अमर उजाला साभार

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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