उत्तराखण्ड
संशोधित: बड़ी खबर: 500 करोड़ ठगी मामले में उत्तराखंड के यूट्यूबर सौरभ जोशी को नोटिस, मुख्य आरोपी गिरफ्तार
- ब्लॉगर सौरभ जोशी को ठगी के मामले में नोटिस दिया गया
- ठगी के एप्प के विज्ञापन करने को लेकर कई अन्य को भी जारी हुआ नोट
देहरादून। युटुबर सौरभ जोशी “ब्लॉगर” को एक ठगी के मामले में नोटिस जारी किया गया है। ठगी करने वाले एप में निवेश के लिए इनसे विज्ञापन करवाया गया था। महत्वपूर्ण बात यह है कि इस गिरोह के मुख्य सदस्य को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। एप के जरिए देश भर में 30000 से ज्यादा लोगों से 500 करोड रुपए की ठगी का मामला सामने आया है।
स्पेशल सेल की आईएफएसओ यूनिट ने हाईबॉक्स एप के जरिये देशभर के 30 हजार से ज्यादा लोगों से 500 करोड़ रुपये ठगने के मामले में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर/यूट्यूबर एल्विश यादव, अभिषेक मल्हान, लक्ष्य चौधरी व सौरभ जोशी सहित अन्य को जांच में शामिल होने के लिए नोटिस जारी किए हैं। इनसे एप में निवेश करने के लिए विज्ञापन करवाया गया था। वहीं, भारत में गिरोह के मुख्य आरोपी जे. शिवराम उम्र 30 वर्ष को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी न्यू वॉशरमेनपेट, चेन्नई का रहने वाला है। पुलिस ने आरोपी के चार बैंक खातों में मौजूद 18 करोड़ रुपये सीज किए हैं।
पुलिस को अब तक 151 शिकायतें मिली हैं।आईएफएसओ प्रमुख उपायुक्त डॉ. हेमंत तिवारी ने बताया कि 16 अगस्त को यूनिट को 29 शिकायतें मिलीं थी। उनसे हाईबॉक्स एप में मासिक रिटर्न का वादा कर निवेश करवाया गया था। ठगों ने सौरभ जोशी, अभिषेक मल्हान, एल्विश यादव, भारती सिंह, हर्ष लिंबाचिया, लक्ष्य चौधरी, आदर्श सिंह, दिलराज सिंह आदि के जरिये एप का विज्ञापन करवाया था। 20 अगस्त को मामला दर्ज करने के बाद जांच में यह बात सामने आई कि हाईबाक्स के खिलाफ उत्तर-पूर्व जिले में साइबर थाने में भी मामला दर्ज है। यहां नौ पीड़ितों ने शिकायतें दी थीं। इस मामले को भी यूनिट को ट्रांसफर कर दिया गया। जांच के दौरान उत्तर-पूर्व जिले की 30, शाहदरा जिले की 24 और बाहरी जिले की 35 शिकायतें भी शामिल की गईं। एनीसीआरपी पोर्टल पर इसी तरह की धोखाधड़ी के 488 और मामले भी लिंक किए गए हैं। वहीं, आरोपियों ने नोएडा स्थित कार्यालय को बंद कर दिया है।
बता दे कि यूनिट में तैनात एसीपी मनीष जोरवाल की निगरानी में इंस्पेक्टर हरबीर की टीम ने धोखाधड़ी में शामिल भुगतान गेटवे और बैंक खातों का विवरण इकट्ठा किया। जांच के दौरान पता चला कि ईजबज और फोनपे भुगतान गेटवे का इस्तेमाल ठगी की रकम को लेने के लिए किया गया है। यहां रकम को बैंक खातों में पहुंचा गया। ऐसे चार बैंक खातों की पहचान की गई। इसके बाद बैंक खाताधारक आरोपी शिवराम को गिरफ्तार किया गया। बैंक खातों के विश्लेषण से पता चला कि शिवराम द्वारा संचालित सत्रुल्ला एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड के चार खातों में रकम जमा की गई थी। आरोपी ने चेन्नई के न्यू वॉशरमेनपेट स्थित ऑफिस स्पेस को सत्रुल्ला एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड के नाम से लीज पर लिया था।पेमेंट गेटवे ईजबज और फोनपे की भूमिका की भी जांच चल रही है। इन्होंने हाईबॉक्स के जालसाजों के मर्चेंट खातों को बिना उचित सत्यापन प्रक्रिया व आरबीआई के नियमों को दरकिनार कर वर्चुअल खोला था। इसमें इन पेमेंट गेटवे कर्मचारियों की संदिग्घ भूमिका की जांच की जा रही है।
शिवराम नवंबर 2016 में स्थापित सत्रुल्ला एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड का मालिक है। कंपनी ने हाईबॉक्स एप को फरवरी 2024 में बनाया था। जालसाजों ने नामी लोगों से विज्ञापन करवाकर अप्रैल 2024 में इसे शुरू कर दिया। पांच महीनों में हाईबाक्स ने दैनिक आधार पर 1 प्रतिशत और मासिक आधार पर 30 प्रतिशत रिटर्न देने का झांसा दिया। शिवराम वियतनाम में मौजूद मुख्य आरोपी के संपर्क में दिसंबर 2022 में आया था। जून 2023 से उसने ऐप बनाने, भुगतान गेटवे प्राप्त करने, बैंक खाते खोलने, फ्रंट ऑफिस खोलने आदि काम शुरू कर दिए थे।