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क्राइम

बड़ी खबर: थाना चौकी की रोज 10 से 15 लाख की वसूली, पुलिस विभाग की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई, कप्तान से लेकर एसपी, एएसपी, सीओ समेत 18 पुलिस कर्मियों पर गिरी गाज, कई आरोपी पुलिसकर्मी फरार

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उत्तर प्रदेश के बलिया में यूपी-बिहार बॉर्डर पर नरही थाना इलाके स्थित भरौली पिकेट और कोरंटाडीह चौकी पर ट्रकों से अवैध वसूली के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ी कार्रवाई की है। दो पुलिसवालों की गिरफ्तारी के बाद बलिया के पुलिस अधीक्षक और एएसपी पर भी गाज गिर गई है। एसपी और एएसपी को पद से हटाया है। इनके अलावा सीओ को भी निलंबित कर दिया गया है। एसओ समेत 18 पुलिसकर्मी भी सस्पेंड किए गए हैं। सात पुलिसकर्मियों समेत 23 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है।

दरअसल, बुधवार देर एडीजी वाराणसी पीयूष मोर्डिया और डीआईजी आजमगढ़ वैभव कृष्ण के नेतृत्व में आजमगढ़ पुलिस ने छापा मारा था। दोनों स्थानों पर ट्रकों से अवैध वसूली में दो पुलिसकर्मियों और 16 दलालों को गिरफ्तार किया गया था। मौके से तीन पुलिसकर्मी और कुछ दलाल फरार हो गए थे।विज्ञापनसात पुलिसकर्मियों के साथ ही दलालों पर एफआईआर दर्ज की गई है। दबिश के दौरान लगभग 25 मोबाइल, 14 बाइक और 37500 रुपये भी बरामद किए गए हैं। दरअसल, पुलिस की ओर से यूपी-बिहार बार्डर पर ट्रकों से अवैध वसूली की शिकायतें लगातार मिल रही थीं। इस आधार पर डीआईजी की ओर से एडीजी को सूचना दी गई और उनके साथ बुधवार रात सादे वेश में मौके पर छापेमारी की गई। भरौली पिकेट से दो पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया गया, तीन भागने में सफल हो गए। वहीं, कोरंटाडीह चौकी पर भी अवैध वसूली मिलने पर दबिश दी गई। यहां से भी कुछ दलाल भागने में सफल रहे।कुल दो सिपाहियों समेत 18 लोगों गिरफ्तार कर सभी को पास स्थित एक मंदिर में रखा गया था। रातभर पुलिस की कार्रवाई चलती रही। बृहस्पतिवार सुबह जिला मुख्यालय पर सूचना देकर यहां से बंदी वाहन मंगाया गया। इसमें सभी आरोपियों को भरकर नरही थाने लाया गया। सुबह एसपी देवरंजन वर्मा, एएसपी, सीओ समेत स्थानीय अधिकारी भी नरही थाने पहुंच गए। नरही थाने के कर्मियों पर भी टीम ने कार्रवाई की। एसओ का कमरे को सील कर दिया गया। सभी बैरकों और उसमें रखे एक-एक बक्से को खंगाला गया।

टीम की कार्रवाई के दौरान मीडिया को अंदर नहीं जाने दिया गया। घंटों पुलिस की कार्रवाई चलती रही। दोपहर बाद डीआईजी वैभवकृष्ण ने बताया कि काफी दिनों से पुलिस की ओर से यूपी-बिहार बार्डर पर ट्रकों से अवैध वसूली की शिकायतें लगातार मिल रहीं थीं। इस बारे में एडीजी जोन पीयूष मोर्डिया को जानकारी दी गई और कार्रवाई की गई। उन्होंने बताया कि दबिश के दौरान मौके से 25 मोबाइल, 14 बाइक और 37500 रुपये नकद भी बरामद किए गए। नौ पुलिसकर्मियों समेत कई दलालों पर एफआईआर दर्ज की गई है। एसओ समेत 18 पुलिसकर्मी भी सस्पेंड किए गए हैं। सात पुलिसकर्मियों समेत 23 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। बलिया के पुलिस अधीक्षक और एएसपी पर भी गाज गिर गई है। एसपी और एएसपी को पद से हटाया है। इनके अलावा सीओ को भी निलंबित कर दिया गया है। थाना प्रभारी, चौकी प्रभारी और पांच पुलिसकर्मियों समेत 23 पर एफआईआरडीआईजी ऑफिस में तैनात निरीक्षक सुशील कुमार की तहरीर पर थाना प्रभारी नरही, चौकी प्रभारी कोरंटाडीह और पांच अन्य पुलिसकर्मियों सहित 23 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है। जिनपर एफआईआर दर्ज की गई है, उनमें थाना प्रभारी नरही पन्नेलाल, चौकी प्रभारी कोरंटाडीह राजेश प्रभाकर, नरही के सिपाही हरिदयाल सिंह, विष्णु यादव, दीपक मिश्रा, बलराम सिंह, कोरंटाडीह के सिपाही सतीश गुप्ता, भरौली के रविशंकर यादव, कोटवा नरायनपुर के विवेक शर्मा, भरौली के जितेश चौधरी, अर्जुनपुर बिहार के विरेंद्र राय, कथरिया के सोनू सिंह, भरौली के अजय पांडेय, सारिमपुर बिहार के विरेंद्र सिंह यादव, भरौली के अरविंद यादव, रमाशंकर चौधरी, जवाहिर यादव, अमांव के धर्मेंद्र यादव, चंडेश बिहार के विकास राय, भरौली के हरेंद्र यादव, सलाम अंसारी, आनंद ठाकुर, राजापुर गाजीपुर के दिलीप यादव का नाम है।

ये पुलिसकर्मी हैं फरार

कुल 23 नामजद आरोपियों में 18 गिरफ्तार हो चुके हैं। पांच फरार है। इसमें थाना प्रभारी पन्नेलाल, चौकी प्रभारी राकेश प्रभाकर, सिपाही विष्णु यादव, दीपक मिश्रा और बलराम सिंह फरार है। विवेचना सहायक पुलिस अधीक्षक आजमगढ़ को दी गई है। ये हुए निलंबितथाना नरही1.थानाध्यक्ष पन्नेलाल2.एसआई मंगला प्रसाद3.मुख्य आरक्षी विष्णु यादव4.सिपाही हरिदयाल सिंह5.सिपाही दीपक मिश्रा6.सिपाही बलराम सिंह7.सिपाही उदयवीर8.सिपाही प्रशान्त सिंह9.चालक ओम प्रकाश चौकी कोरंटाडीह10.प्रभारी राकेश प्रभाकर11.मुख्य आरक्षी चन्द्रजीत यादव12.मुख्य आरक्षी औरंगजेब खां13.सिपाही परविन्द यादव14.सिपाही सतीश चन्द्र गुप्ता15.सिपाही पंकज कुमार यादव16.सिपाही ज्ञानचन्द्र17.सिपाही धर्मवीर पटेलआवासों को किया गया सीलथाना प्रभारी नरही, चौकी प्रभारी कोरंटाडीह एवं संलिप्त सिपाहियों के आवासों को सील कर दिया गया है, ताकि बाद में इसकी जांच की जा सके।

रोजाना 10 से 15 लाख की वसूली, किस-किस की थी हिस्सेदारी

भरौली चेकपोस्ट और कोरंटाडीह चौकी पर कार्रवाई के बाद डीआईजी आजमगढ़ वैभवकृष्ण ने स्वीकार किया कि बक्सर पुल से होकर रोजाना दो से तीन हजार ट्रक गुजरते थे। प्रति ट्रक 500 रुपये की वसूली की जाती थी। ऐसे में रोजाना 10 से 15 लाख की वसूली होती थी। क्या ये पूरा पैसा नरहीं थाने का स्टाफ अकेले पचा जाता था, ये बात किसी के गले नहीं उतरती है। जिले के बिहार बार्डर से सटे थाने सबसे मलाईदार माने जाते हैं। इसमें नरहीं थाना पहले नंबर पर आता है। यहां के वर्तमान प्रभारी पन्नेलाल यहां लगभग दो साल से तैनात थे। लेकिन इस प्रकरण में सस्पेंड हो गए। पन्नेलाल के बारे में कहा जाता है उन्हें जल्दी कोई थाने से हिला नहीं पाता है। हमेशा किसी न किसी थाने पर तैनात रहते हैं। लाइन में उनको कम ही देखा गया है। बिहार बॉर्डर पर पहले सिपाही स्वयं वसूली करते थे। बाद में मामला मीडिया में आने के बाद पुलिस की ओर से प्राइवेट लोगों को रखना शुरू कर दिया गया। 2023 में बक्सर में नया पुल शुरू होने के बाद बालू लदे ट्रकों का आगमन बढ़ गया। यही नहीं गाजीपुर आदि जनपदों के ट्रक भी ईधर से गुजरने लगे। बालू निकासी के सीजन में पुल से रोजाना लगभग 3000 तक ट्रक पार होने लगे। इससे नरहीं पुलिस की चांदी हो गई थी। हालांकि इस समय नदियों में पानी बढ़ने से ट्रकों का आवागमन थोड़ा कम है। फिर भी उक्त स्थानों से रोजाना 10 से 15 लाख तक की वसूली होती थी।

वाहनों की संख्या से हिसाब से मिलना था एसओ को पैसा

बक्सर से आने वाले ट्रकों से पूर्व से सुनियोजित ढंग से बात तय कर ली जाती थी कि कितने-कितने बजे से कितने-कितने बजे तक यह ट्रक थाना नरही क्षेत्र से गुजरेंगे। नरही में इन ट्रकों के प्रवेश करते ही हर ट्रक से करीब 500 रुपये वसूले जाते थे। बरामद दो नोट बुक में गत रात्रि एवं उससे पूर्व के कई दिन में पास कराए गए ट्रकों का विवरण अंकित है। इस विवरण से सूचना विकसित कर इस संगठित गिरोह द्वारा किए जा रहे इस अवैध वसूली के नेटवर्क का पर्दाफाश किया जाएगा। दलाल गाड़ियों की संख्या गिनकर उसके हिसाब से पैसा थानाध्यक्ष नरही को देते थे, यह भी तथ्य संज्ञान में आया है। एडीजी और डीआईजी भरौली तिराहा से एक ट्रक में बैठकर चौकी कोरंटाडीह गए। एक प्राइवेट व्यक्ति अशोक मौके से फरार हो गया। यह प्राइवेट व्यक्ति चौकी इन्चार्ज कोरंटाडीह का निजी कार्यकर्ता था। हमें ऐसी जानकारी मिली थी कि यूपी-बिहार सीमा पर ट्रकों को रोककर कुछ असमाजिकतत्वों की ओर से वसूली की जा रही है, इसमें कुछ पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। मेरी और डीआईजी आजमगढ़ की टीम ने रंगेहाथों वसूली करने वालों को देखा और गिरफ्तार किया। 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पांच और लोगों पर एफआईआर हुई है। जिन लोगों की देखरेख में ट्रकों को रोका जाता है उनकी भी जिम्मेदारी तय की जा रही है। – पीयूष मोर्डिया, एडीजी जोन, वाराणसी

पहले भी हुई है कार्रवाई

2019 में जनेश्वर मिश्र सेतु पर अवैध वसूली के मामले में तत्कालीन राज्यमंत्री आनंद स्वरुप शुक्ल ने छापेमारी की थी। इस मामले में दुबहर थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष समर बहादुर सिंह के साथ ही दो आरक्षी मुलायम यादव और राजू भारद्वाज को निलंबित कर दिया गया था। दस आरक्षियों को लाइन हाजिर कर दिया गया था।

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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