उत्तराखण्ड
बड़ी खबर : ललित मोहन रयाल, आनंद श्रीवास्तव, हरीश कांडपाल, गिरधारी रावत, मेहरबान सिंह बिष्ट, आलोक पांडेय, बंशीधर तिवारी, रुचि रयाल समेत 18 बने आईएएस
देहरादून : प्रदेश के 18 पीसीएस अधिकारियों के आइएएस बनने पर शुक्रवार को मुहर लग गई। संघ लोक सेवा आयोग, नई दिल्ली में शुक्रवार को बहुप्रतीक्षित डीपीसी होने के बाद पीसीएस अधिकारियों की वर्षों पुरानी इच्छा पूरी हो गई।
पीसीएस अधिकारियों की वरिष्ठता के विवाद के निपटारे में लगभग 11 वर्ष बीत गए। सीधी भर्ती से नियुक्त और पदोन्नत पीसीएस अधिकारियों के बीच वरिष्ठता विवाद वर्ष 2011 से चल रहा था। सरकार ने अधिकारियों को पदोन्नत वेतनमान तो दिया, लेकिन पदोन्नति से वंचित रखा। पृथक उत्तराखंड राज्य बनने पर पीसीएस अधिकारियों की कमी देखते हुए शासन ने तहसीलदार व कार्यवाहक तहसीलदारों को तदर्थ पदोन्नति देकर उपजिलाधिकारी बना दिया था। वर्ष 2003 से लेकर वर्ष 2005 तक यह क्रम चलता रहा।
विवाद तब उत्पन्न हुआ, जब 2005 में सीधी भर्ती से 20 पीसीएस अधिकारियों का चयन हुआ। इन अधिकारियों ने वर्ष 2002 में राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षा दी थी। सीधी भर्ती से आने वाले अधिकारियों ने पदोन्नत अधिकारियों के साथ वरिष्ठता निर्धारित करने पर आपत्ति जाते हुए अदालत का रुख किया।
सुप्रीम कोर्ट ने इसी वर्ष बीते फरवरी माह में सीधी भर्ती वालों के पक्ष में निर्णय दिया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सरकार ने पीसीएस अधिकारियों की वरिष्ठता सूची जारी कर दी। इसके बाद इन अधिकारियों की आइएएस पद पर पदोन्नति के लिए संघ लोक सेवा आयोग को पत्र भेजा गया। संघ लोक सेवा आयोग में शुक्रवार को डीपीसी हुई। इसमें प्रदेश का प्रतिनिधित्व मुख्य सचिव डा एसएस संधु और कार्मिक सचिव शैलेश बगोली ने किया।
इन अधिकारियों के आइएएस बनने पर लगी मुहर
ललित मोहन रयाल, आनंद श्रीवास्तव, हरीश कांडपाल, गिरधारी रावत, मेहरबान सिंह बिष्ट, आलोक पांडेय, बंशीधर तिवारी, रुचि रयाल, झरना कामठान, दीप्ति सिंह, रवनीत चीमा, प्रकाश चंद्र, निधि यादव, प्रशांत, आशीष भटगई, विनोद गिरी गोस्वामी, संजय और नवनीत पांडेय।

