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बिग बिग ब्रेकिंग: PM मोदी के हेलीकॉप्टर के नजदीक छोड़े गए गुब्बारे, 3 कांग्रेस कार्यकर्ता हिरासत में

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अमरावती. आंध्र प्रदेश की अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हेलिकॉप्टर के उड़ान भरने के कुछ ही क्षणों बाद कांग्रेस के एक कार्यकर्ता ने काले गुब्बारे छोड़े, जो कि उनके हेलीकॉप्टर के नजदीक था. समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा जारी वीडियो में देखा जा सकता है कि जब पीएम मोदी का हेलीकॉप्टर सोमवार को विजयवाड़ा में उड़ान भर रहा था, तो गुब्बारे छोड़े जा रहे थे. दरअसल, जिस एयरपोर्ट से पीएम मोदी के हेलिकॉप्टर ने उड़ान भरी थी, वहां कांग्रेस के कुछ नेता विरोध कर रहे थे. प्रधानमंत्री के खिलाफ नारे लगाते हुए उन्हें काले गुब्बारे और तख्तियां पकड़े देखा गया.

इस बीच कृष्णा जिला के पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस मामले में कांग्रेस के 3 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है. उन्होंने कहा, “पीएम मोदी के हेलिकॉप्टर के गन्नावरम हवाई अड्डे से उड़ान भरने के तुरंत बाद काले गुब्बारे छोड़ने के आरोप में कांग्रेस के 3 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है.”  पीएम मोदी के दौरे के मद्देनजर हवाई अड्डे के चारों ओर कड़ा सुरक्षा घेरा तैयार किया गया था.

‘स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास कुछ वर्षों, कुछ लोगों तक सीमित नहीं’
इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि देश के स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास कुछ वर्षों या कुछ लोगों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देश के हर कोने से दिए गए बलिदान का इतिहास है. पीएम मोगी ने आंध्र प्रदेश के भीमावरम में अल्लूरी सीताराम राजू की 30 फुट की कांस्य प्रतिमा का अनावरण करने के बाद कहा कि महान स्वतंत्रता सेनानी की 125वीं जयंती और रम्पा विद्रोह की शताब्दी वर्ष भर मनाई जाएगी. उन्होंने कहा, ‘देश स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के साथ ही अल्लूरी सीताराम राजू की 125वीं जयंती और रम्पा विद्रोह के 100 साल मना रहा है.’ ‘मन्यम वीरुडु’ (वन नायक) के नाम से लोकप्रिय अल्लूरी ने 1922 में शुरू हुए रम्पा विद्रोह का नेतृत्व किया था.

पीएम मोदी ने अल्लूरी के जीवन को बताया प्रेरणादायी
पीएम मोदी ने कहा, ‘स्वतंत्रता संग्राम केवल कुछ वर्षों, कुछ क्षेत्रों या कुछ लोगों का इतिहास नहीं है. यह देश के हर नुक्कड़ और हर कोने से दिए गए बलिदान का इतिहास है.’ उन्होंने अल्लूरी सीताराम राजू को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वह शुरुआती आयु में ही देश की आजादी की लड़ाई में शामिल हो गए थे और उन्होंने आदिवासी कल्याण एवं देश के लिए खुद को समर्पित कर दिया तथा वह कम उम्र में ‘शहीद’ हो गए. प्रधानमंत्री ने उनके जीवन को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि अल्लूरी ‘भारत की संस्कृति, आदिवासी पहचान और मूल्यों के प्रतीक थे.’ मोदी ने कहा कि अल्लूरी ने ब्रितानी शासकों को चुनौती दी थी कि वह उन्हें रोककर दिखाए.

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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