दुर्घटना
बिग बिग बिग ब्रेकिंग: बाडमेर में वायुसेना का मिग क्रेश, दोनों पायलटों की मौत, किलोमीटर तक बिखरा मलवा
राजस्थान के बाड़मेर में वायु सेना का लड़ाकू विमान मिग गुरुवार रात करीब 9 बजे क्रैश हो गया है। इसमें दोनों पायलटों के मौत की खबर है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुश्टि नहीं हुई है। दुर्घटना के बाद विमान में आग लग गई। इसका मलबा करीब आधा किलोमीटर के दायरे में बिखरा हुआ है। यह विमान बायतू थाना क्षेत्र के भीमड़ा गांव में दुर्घनागस्त हुआ है।घटना के कुछ वीडियो सामने आए हैं, जिसमें हादसे के बाद घटनास्थल पर विमान के मलबे में आग लगी हुई है। जमीन पर एक बॉडी भी दिख रही है। उसका शरीर जला हुआ है। पास ही उसका मोबाइल भी गिरा हुआ है। स्थानीय लोग प्रशासन के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे हुए हैं।पिछले साल दिसंबर में विंग कमांडर की हुई थी मौतपिछले साल 24 दिसंबर को भी भारतीय वायुसेना का एक मिग-21 लड़ाकू विमान शुक्रवार शाम राजस्थान के जैसलमेर के पास क्रैश हो गया। इस हादसे में पायलट विंग कमांडर हर्षित सिन्हा की मौत हो गई। जिस जगह जेट गिरा है, वह सुदासरी डेजर्ट नेशनल पार्क में है और पाकिस्तान बॉर्डर के पास है। यह एरिया आर्मी के कंट्रोल में है। इसलिए वहां किसी को जाने नहीं दिया जा रहा है।विमान लगभग साढ़े 8 बजे क्रैश हुआ है। विंग कमांडर हर्षित सिन्हा ने रेगुलर उड़ान के लिए जैसलमेर एयरफोर्स स्टेशन से उड़ान भरी थी। हादसे की जगह जैसलमेर से करीब 70 किमी दूर है। मौके पर पुलिस और फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंच गई। आसपास के ग्रामीणों के अनुसार विमान में हवा में ही आग लग गई थी, उसके बाद वह धमाके के साथ जमीन पर आ गिरा।पिछले साल अगस्त में भी हुआ था हादसाइससे पहले अगस्त 2021 में बाड़मेर में एक मिग-21 विमान क्रैश हुआ था। यह फाइटर जेट ट्रेनिंग उड़ान पर था। टेक ऑफ के बाद इसमें तकनीकी खराबी आ गई और प्लेन एक झोपड़ी पर जा गिरा। प्लेन क्रैश होने से पहले पायलट ने खुद को इजेक्ट कर लिया था।रूस और चीन के बाद भारत मिग-21 का सबसे बड़ा ऑपरेटररूस और चीन के बाद भारत मिग-21 का तीसरा सबसे बड़ा ऑपरेटर है। 1964 में इस विमान को पहले सुपरसोनिक फाइटर जेट के तौर पर एयरफोर्स में शामिल किया गया था। शुरुआती जेट रूस में बने थे और फिर भारत ने इस विमान को असेंबल करने का अधिकार और तकनीक भी हासिल कर ली थी। तब से अब तक मिग-21 ने 1971 के भारत-पाक युद्ध, 1999 के कारगिल युद्ध समेत कई मौकों पर अहम भूमिका निभाई है। रूस ने तो 1985 में इस विमान का निर्माण बंद कर दिया, लेकिन भारत इसके अपग्रेडेड वैरिएंट का इस्तेमाल करता रहा है।

