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राजनीति

बागियों के खिलाफ बीजेपी में बड़ी कार्रवाई, 20 जिलों के 200 से ज्यादा नेता पार्टी से निष्कासित

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भोपाल. नगरीय निकाय चुनाव में बागियों के खिलाफ बीजेपी ने बड़ा एक्शन लेना शुरू कर दिया है. पार्टी अब तक 200 से ज्यादा नेताओं और कार्यकर्ताओं को अब तक पार्टी से निष्कासित कर चुकी है. ये वो लोग हैं जिन्हें पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ मैदान में उतरने के कारण अनुशासनहीनता का आरोपी मानते हुए छह साल के लिए निष्कासित किया गया है.

बीजेपी ने जिन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की है उनमें 20 जिलों के दो सौ से ज्यादा नेता शामिल हैं. ये आंकड़ा इससे भी ज्यादा हो सकता है क्योंकि अभी कुछ और जिलों में पार्टी ने बागी नेताओं को अल्टीमेटम दिया है. अगर अल्टीमेटम के तहत बागी प्रत्याशी पार्टी प्रत्याशी के समर्थन की घोषणा नहीं करेंगे तो उन्हें भी पार्टी से बाहर कर दिया जाएगा. खास बात ये है कि मंगलवार को पार्टी ने जो कार्रवाई की उनमें मेयर पद के लिए मैदान में उतरने वाले प्रत्याशी भी शामिल हैं.

कटनी, रतलाम, छिंदवाड़ा में एक्शन की चर्चा
बीजेपी ने जहां जहां बागियों के खिलाफ एक्शन लिया है उनमें कटनी, रतलाम और छिंदवाड़ा नगर निगम की चर्चा सबसे ज्यादा है. कटनी में बागी होकर महापौर पद की प्रत्याशी बनी प्रीति सूरी को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है. प्रीति सूरी कटनी में बीजेपी की दो बार की पार्षद रह चुकी हैं और बीजेपी महिला मोर्चा की जिला मंत्री थीं. इन्होंने निर्दलीय नामांकन दाखिल किया है. कटनी में ज्योति दीक्षित बीजेपी की अधिकृत प्रत्याशी हैं.

रतलाम में अल्टीमेटम
रतलाम से बागी प्रत्याशी अरुण राव को पार्टी ने अल्टीमेटम दिया है. दो दिन के भीतर अगर अरुण राव बीजेपी प्रत्याशी के समर्थन में घोषणा नहीं करेंगे तो उनके खिलाफ भी निष्कासन की कार्रवाई संभावित है. रतलाम से प्रह्लाद पटेल बीजेपी के अधिकृत प्रत्याशी हैं. वहीं छिंदवाड़ा में बागी होकर मैदान में आए जितेंद्र शाह ने बीजेपी प्रत्याशी के समर्थन में सरेंडर किया है. लिहाजा उनके खिलाफ नाम वापस न लेने के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई. छिंदवाड़ा में अनंत धुर्वे बीजेपी के अधिकृत प्रत्याशी हैं.

खेल बिगड़ने का है डर
बागियों के मैदान में आने पर बीजेपी ने भले ही उनके खिलाफ निष्कासन की कार्रवाई की हो लेकिन बागी खेल बिगाड़ सकते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि नामांकन प्रक्रिया के तहत नाम वापसी की आखिरी तारीख 22 जून थी. बीजेपी ने अल्टीमेटम जारी किया था कि नाम वापसी की अंतिम तारीख तक अगर बागी प्रत्याशी नाम वापस नहीं लेंगे तो उनके खिलाफ एक्शन होगा. पार्टी ने एक्शन तो लिया है लेकिन मैदान में उनके डटे रहने से होने वाले नुकसान की भरपाई क्या वाकई हो पाएगी, ये तो नतीजें सामने आने के बाद ही साफ होगा.

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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