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गिरफ्तार अभियुक्तों की जमानत से बेरोजगार युवाओं की आशंका को बल: यशपाल

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देहरादून। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि , स्नातक स्तर की परीक्षा के पेपर लीक मामले में एसटीएफ द्वारा न्यायिक हिरासत में भेजे गए आधे से अधिक अभियुक्तों के जमानत पर छूटने से इस मामले में संघर्ष कर रहे बेरोजगार युवाओं और कांग्रेस सहित सभी विपक्षी की आशंकाएं सत्य सिद्ध हो रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि “नकल सिंडिकेट का सीधा संबंध सत्ता दल और राज्य के उच्च अधिकारियों से निकला था मामला खुलने के बाद ही उनमें से कुछ का सत्ता दल से निष्कासन भी किया गया था इसलिए राज्य के हर जागरूक नागरिक का मानना था कि , देर-सबेर कानूनी पेचीदगियों में फंसा कर इस नकल गिरोह को बचाया जाएगा।” उन्होंने कहा कि , “राज्य के इतिहास में पकड़े गए सबसे बड़े नकल के इस मामले के अभियुक्तों की जमानत साधारण मामलों से आसानी और जल्दी होने के बाद विपक्ष के आरोपों और जनता की आशंकाओं की पुष्टि हुई है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि , जनता और बेरोजगार सब जानते थे कि जांच और गिरफ्तारियों के नाम पर उनकी आंखों में धूल झोंकी जा रही है इसलिए मामला खुलने के बाद से ही नकल और पेपर लीक के सभी मामलों की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की जा रही थी। उन्होंने कहा कि , इस पेपर लीक घोटाले में सरकार असली गिरोह और उसे राजनीतिक संरक्षण देने वालों को बचाना चाहती थी। इसलिए सरकार ने बेरोजगारों और विपक्ष की इस मांग को अनसुना कर दिया। उन्होंने कहा कि , सरकार ने जिलों से लेकर नैनीताल उच्च न्यायालय और दिल्ली तक सरकारी वकीलों की एक बड़ी फौज पाली है । इसके अलावा सरकार , पुलिस और अभियोजन इस संवेदनशील मामले में देश के नामी- गिरामी वकीलों की राय भी ले सकती थी। अब सरकार को बताना चाहिए कि , नकल जैसे सनसनीखेज मामले में सरकार , पुलिस और अभियोजन की कार्यप्रणाली ने सिद्ध किया है कि , वे जांच के नाम पर सिर्फ दिखावा कर रहे थे। नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि , सैकड़ों करोड़ के इन भर्ती घोटालों में पुलिस केवल कुछ लाख रुपयों की ही बरामदगी कर पाई है अभी पुलिस नकल करा कर कमाए धन से अर्जित किसी भी सम्पति को सील नही कर पाई है। उन्होंने कहा कि , देश में विपक्ष की सरकारों वाले राज्यों में किसी भी छोटे मामले में पंहुचने वाली सीबीआई और ईडी इतने बड़े मामले में अभी तक क्यों नहीं पंहुची है । जबकि हर दिन राज्य में आने वाले केंद्रीय मंत्री डबल इंजिन सरकार का ढोल पीटा जाता रहा है। उन्होंने कहा कि , हाल ही में प्रधानमंत्री जी द्वारा उत्तराखंड के दौरों में नकल सहित हर महत्वपूर्ण मामले के संज्ञान न लेने से भी सिद्ध होता है कि सत्ता दल किसी न किसी को बचाने के लिए जांच के नाम पर चूहे- बिल्ली का खेल कर रही है। श्री यशपाल आर्य ने कहा कि , सरकार को ये भी साफ करना चाहिए कि , इन हालातों में वह राज्य के बेरोजगारों को राज्य में भविष्य में आयोजित होने वाली परीक्षाओं में निष्पक्षता की क्या गारंटी देगी ?

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संपादक

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