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Ashwagandha Side Effects: बुखार आने पर इसलिए नहीं करना चाहिए अश्वगंधा का सेवन!

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अश्वगंधा अपने अनगिनत लाभों की वजह से कई बीमारियों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक आयुर्वेदिक उपचार है। लोग इसे अपनी स्वास्थ्य स्थिति के मुताबिक अन्य जड़ी-बूटियों के साथ मिलाकर या ऐसे ही खाते हैं। अश्वगंधा का सेवन टैबलेट या पाउडर के रूप में किया जा सकता है, भारतीय विंटर चेरी या भारतीय जिनसेंग के रूप में भी जाना जाता है।

इस वक्त दुनियाभर के लोग संक्रामक वायरल बीमारी से जूझ रहे हैं, ऐसे में इस आयुर्वेदिक औषधि का उपयोग पहले से कहीं ज़्यादा होने लगा है। इसका इस्तेमाल इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए काढ़ा बनाने में क्या जाता है, जिससे वायरल संक्रमण का जोखिम कम होता है। वैसे को अश्वगंधा खाने में सुरक्षित मानी जाती है, लेकिन कई मामलो में इसके सेवन से बचना चाहिए।

जब बुख़ार हो

आयुर्वेद चिकित्सकों के अनुसार बुख़ार होने पर अश्वगंधा के सेवन से बचना चाहिए। एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटी-इंफ्लामेटरी और इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गुणों से भरपूर अश्वगंधा सर्दी और फ्लू जैसे संक्रमण से बचाने में मददगार साबित हो सकती है, लेकिन अगर आपको बुख़ार है, तो इस औषधी को लेने से बचें क्योंकि इसे हज़म करना शरीर के लिए मुश्किल हो सकता है। बुखार आपको कमज़ोर बनाता है और शरीर के दूसरे अंगों के काम में भी बाधा पैदा करता है। बुखार के समय अगर आप अश्वगंधा ले लेते हैं, तो आपका पेट इसे पचा नहीं पाएगा और आपको दस्त या दूसरी तकलीफों से जूझना पड़ेगा।

अश्वगंधा के नुकसान

अश्वगंधा एक ताक़तवर औषधी है लेकिन इसके ज़रूरत से ज़्यादा सेवन से गंभीर नुकसान पहुंच सकता है। अश्वगंधा का सेवन हमेशा आयुर्वेदिक चिकित्सक द्वारा बताई गई मात्रा या फिर पैकेज पर उल्लिखित मात्रा में ही करना चाहिए। ज़्यादा खा लेने से पेट खराब, दस्त या उल्टियां जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। साथ ही लंबे समय तक अश्वगंधा लेने से लिवर में भी दिक्कतें आ सकती है।

अश्वगंधा की कितनी मात्रा सुरक्षित है?

अश्वगंधा की कोई मानक खुराक नहीं है, यह पूरी तरह से आपके स्वास्थ्य और फिटनेस के स्तर पर निर्भर करता है। लेकिन अध्ययनों के अनुसार, जड़ी बूटी की सुरक्षित खुराक 125 मिलीग्राम से 5 ग्राम तक होती है, जिसे प्रति दिन 2-4 खुराक में विभाजित किया जाता है।

अश्वगंधा को खाने का सही समय क्या है?

इसकी खुराक सुबह या फिर शाम को लेनी चाहिए। अगर आप इसे सुबह खाली पेट लेते हैं, तो पेट में हल्की तकलीफ हो सकती है। इसलिए इसे सुबह के नाश्ते के बाद लें या फिर शाम को स्नैक्स के बाद। अगर आप रात में लेते हैं तो इससे आपको रिलेक्स करने और अच्छी नींद लेने में मदद मिलेगी।

Disclaimer:लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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