अंतरराष्ट्रीय
ईरान को अमेरिका की चेतावनी; बाइडन बोले- नहीं बनाने देंगे एटम बम, नहीं करेंगे परमाणु समझौते में आने का इंतजार
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने गुरुवार को परमाणु समझौते के मुद्दे पर ईरान को स्पष्ट चेतावनी दे दी। उन्होंने कहा कि 2015 के समझौते में ईरान के वापस आने का अमेरिका अनिश्चितकाल तक इंतजार नहीं कर सकता। वह अंतिम विकल्प के रूप में ही ईरान के खिलाफ ताकत का इस्तेमाल करेगा। इजरायल के साथ संयुक्त बयान में अमेरिका ने साफ कर दिया कि ईरान को परमाणु बम बनाने से रोकने के लिए अमेरिका पूरी ताकत लगा देगा।
पूरी दुनिया के लिए खतरनाक स्थिति
समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक इजरायल के प्रधानमंत्री याइर लैपिड के साथ संयुक्त प्रेस कान्फ्रेंस में बाइडन ने परमाणु समझौते को लेकर यह बात कही। इससे पहले दोनों नेताओं के बीच ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर चर्चा हुई। लैपिड ने बताया कि ईरान स्तर बढ़ाकर यूरेनियम का शोधन जारी रखे हुए है। वह वार्ता प्रक्रिया में समय लगाते हुए परिष्कृत यूरेनियम का भंडार बढ़ाने में लगा है। यह स्थिति पूरी दुनिया के लिए खतरनाक है।
ईरान का इंतजार नहीं कर सकते
बाइडन ने कहा, दुनिया के शक्तिशाली देशों के साथ हुए परमाणु समझौते में ईरान कब वापस लौटेगा, वह नहीं जानते। लेकिन हम अनिश्चितकाल तक इसके लिए इंतजार नहीं कर सकते। विदित हो कि अमेरिका 2018 में इस समझौते से अलग हो गया था और ईरान पर प्रतिबंध लगा दिए थे। इसके बाद ईरान ने समझौता निष्प्रभावी घोषित करते हुए यूरेनियम शोधन का स्तर बढ़ा दिया। ज्यादा शुद्ध यूरेनियम ही परमाणु हथियार बनाने के काम आता है।
इजरायल और सऊदी अरब को ज्यादा खतरा
ईरान के परमाणु हथियार से सबसे ज्यादा खतरा इजरायल और सऊदी अरब को है, इसलिए दोनों देश अमेरिका पर ईरान के खिलाफ कड़े कदमों के लिए दबाव डाल रहे हैं। इजरायल 2015 में हुए परमाणु समझौते के विरोध में है। उससे ईरान को परमाणु ऊर्जा विकसित करने के लिए कई सुविधाएं मिलती हैं।
खशोगी हत्याकांड पर नहीं दिया जवाब
सऊदी मूल के अमेरिकी पत्रकार जमाल खशोगी के बारे में पूछे गए प्रश्न का उत्तर बाइडन ने नहीं दिया। तुर्किये में हुई इस हत्या की घटना के लिए सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान को जिम्मेदार माना जाता है।
सऊदी का सहयोग लेने की चुनौती
बाइडन पूर्व में पत्रकार जमाल खशोगी हत्याकांड को लेकर बयान भी दे चुके हैं। लेकिन अब जबकि बाइडन सऊदी अरब जा रहे हैं और यूक्रेन युद्ध के दौर में सऊदी का मजबूती से सहयोग लेने की चुनौती है, तब बाइडन ने खशोगी हत्याकांड से संबंधित प्रश्न का उत्तर देने से परहेज किया। एक अन्य कार्यक्रम में बाइडन को राजनीतिक के रूप में बीते 50 साल में इजरायल का सहयोग करने के लिए प्रेसिडेंशियल मेडल आफ आनर दिया गया।