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नैनीताल दुष्कर्म प्रकरण पर पीड़िता की मां का नाम एफआईआर में दर्ज होने के बाद विवाद, अधिवक्ता रुवाली ने कहा- अभियुक्त के दबाव में किया गया काम
- मल्लीताल पुलिस पर एफ आई आर दर्ज करने की मांग एस एस पी को भेजा पत्र
- पीड़ित के न्याय के लिए पुलिस प्रशासन कितना गम्भीर इस बात पर प्रश्न चिन्ह – रूवाली
नैनीताल। मल्लीताल पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाते हुए जिला बार एसोसिएशन के सचिव ने बुधवार को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) को पत्र भेजकर मल्लीताल पुलिस के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।

पत्र में आरोप लगाया गया है कि पुलिस ने एक नाबालिग के परिजनों की पहचान उजागर कर “लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम” (पोक्सो एक्ट) का उल्लंघन किया है। बार एसोसिएशन के सचिव दीपक रुवाली ने पत्र में लिखा है कि अभियुक्त के दबाव में आकर पीड़िता की मां का नाम एफआईआर में जानबूझकर उजागर किया जिससे की समाज में उन्हें अपमानित किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि कानूनन पीड़िता और उसके परिवार की पहचान गोपनीय रखना अनिवार्य है और मां का नाम सार्वजनिक करने से पीड़िता की पहचान स्वतः स्पष्ट हो जाती है, जो कि पोक्सो के तहत एक गंभीर अपराध है। कहा की जिस पुलिस विभाग कर्तव्य समाज व कानून में न्याय बनाना है वहीं जब संवेदनशील कानूनों की अनदेखी करता दिखे तो चिंता और भी गहरी हो जाती है।
कहा की पीड़ित के न्याय के लिए पुलिस प्रशासन कितना गम्भीर है इस बात पर प्रश्न चिन्ह उठता है कहा कि यह न केवल प्रशासनिक दृष्टि से गंभीर अपराध है बल्कि नैतिक व संवैधानिक दृष्टि से भी अत्यंत चिंतापूर्ण है। पत्र में इस कृत्य को जानबूझकर किया गया गंभीर उल्लंघन बताते हुवे मल्लीताल पुलिस के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पत्र की प्रतिलिपि कुमाऊं आयुक्त और जिलाधिकारी को भी भेजी गई है।

