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उत्तराखण्ड

चार मुख्यमंत्रियों की घोषणा के बाद भी एक इंच नहीं बनी सड़क

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मोरी ब्लाक के फत्ते पर्वत पट्टी के सेवा व बरी गांव में सरकारी सिस्टम ग्रामीणों के सब्र की परीक्षा ले रहा है। पिछले 15 वर्षों में चार मुख्यमंत्रियों ने धौला से सेवा-बरी और डोडरा क्वार सड़क की घोषणा की, लेकिन अभी तक इस सड़क पर एक इंच भी काम नहीं हुआ है। इस बार भी फत्ते पर्वत में यही चुनावी मुद्दा है। ग्रामीणों का नेताओं की घोषणाओं और वादों से भरोसा उठ गया। ग्रामीणों को जन आंदोलन में अधिक भरोसा है। ग्रामीणों ने कहा कि वह इस बार मतदान तो अनिवार्य रूप से करेंगे, लेकिन चुनाव के बाद सड़क के लिए उग्र आंदोलन शुरू कर देंगे।

मोरी ब्लाक के फत्ते पर्वत पट्टी के सेवा गांव के लिए सड़क मार्ग धौला से नौ किलोमीटर पैदल चलना पड़ता हैं। जबकि बरी गांव के लिए धौला से आठ किलोमीटर की पैदल दूरी तय करनी पड़ती है। इन गांवों को सड़क से जोड़ने के लिए घोषणाएं तो जरूरी हुई लेकिन धरातल पर नहीं उतरी। धोला से सेवा बरी होते हुए हाली गाड डोडरा क्वार तक 16 किलोमीटर मोटर मार्ग की घोषणा सबसे पहले 2008 में मुख्यमंत्री बीसी खंडूड़ी ने की थी। जिसके बाद 2012-13 में तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने घोषणा की। फिर 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने फिर से इस मोटर मार्ग की घोषणा की। 2017 में भाजपा की सरकार बनी तो तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने इस मोटर मार्ग की घोषणा की। हैरानी की बात यह है कि इन माननीयों ने नौकरशाही को भी अपनी घोषणाओं की तरह ही बेलगाम छोड़े रखा। बरी गांव की प्रधान सुनीता देवी ने कहा कि सड़क निर्माण को लेकर सभी जिम्मेदार अधिकारी केवल झूठे आश्वासन दे रहे हैं। जिससे ग्रामीणों में आक्रोश है। धोला-बरी-पीसा-दंताधार-तुमोला व सेवा डोगरी-हाली खड्ड-सीना तक 16 किमी मोटर मार्ग स्वीकृति होने के बाद भी अभी तक निर्माण शुरू नहीं हुआ है। सेवा गांव की प्रधान रामो देवी ने कहा कि सड़क निर्माण की मांग को लेकर ग्रामीणों का प्रतिनिधिमंडल नवंबर 2021 में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दरबार में भी पहुंचा, लेकिन केवल आश्वासन मिला। सड़क निर्माण कार्य उसके बाद भी शुरू नहीं हुआ। प्रथम चरण में धोला-सेवा-बरी -डोडरा-क्वार मोटर मार्ग धोला गार्डर पुल के साइड सलेक्शन का गोविद वन्यजीव विहार राष्ट्रीय पार्क व राजस्व विभाग के साथ संयुक्त सर्वेक्षण किया गया। साथ ही फाइल वन विभाग के पास है। वहीं भूगर्भ वैज्ञानिकों की जांच निरीक्षण व रिपोर्ट पहले ही आ चुकी है।

-पुष्पेंद्र मिश्रा, सहायक अभियंता लोनिवि पुरोला

लोनिवि के साथ संयुक्त सर्वेक्षण एवं जांच रिपोर्ट मुख्य वन संरक्षक कार्यालय को भेज दी गई है। आनलाइन प्रक्रिया पूरी होते ही सड़क निर्माण का रास्ता भी साफ हो जाएगा।

-डीपी बलूनी, उप निदेशक, गोविद वन्यजीव विहार राष्ट्रीय पार्क

साभार न्यू मीडिया

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