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आखिर मुख्यमंत्री धामी के हाथों से निकल गया शहद… मिलेगा किस-किस को, यह तो मुख्यमंत्री जी ही जानें… शहद पाने को विधायकों की कतार लंबी
इन दोनों उत्तराखंड की राजनीति में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार की मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर एक अलग गर्माहट है। पिछले दिनों कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफा के बाद यह मामला इसलिए भी और खास बन गया क्योंकि अब प्रदेश की कैबिनेट में कैबिनेट मंत्रियों की पांच कुर्सियां खाली हो गई हैं।
कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद यह कयास लगाए जा रहे थे कि मुख्यमंत्री संभावित कैबिनेट विस्तार की चर्चा को लेकर सोमवार को या मंगलवार को नई दिल्ली रवाना हो सकते हैं जहां उनकी मुलाकात भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और महामंत्री संगठन बीएल संतोष से होगी। यह भी माना जा रहा था की नई दिल्ली में संभावित कैबिनेट विस्तार के मामले को अंतिम रूप देने के बाद मुख्यमंत्री जल्द ही यह घोषणा करेंगे कि कैबिनेट में आगे क्या होना है। इधर इस कयास बाजी के बीच उन तमाम विधायकों और पूर्व कैबिनेट मंत्रियों के भी सपनों को पंख लग गए जो कि मंत्री की कुर्सी पर बैठने को बेताब हैं और यह कुर्सी सौंपी जानी है मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हाथों से ही। मगर इन सब संभावित बातों के बीच ना तो सोमवार और नहीं मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दिल्ली की ओर गए बाल की उन्होंने मंगलवार के दिन पूरे इत्मीनान के साथ शहद निकालने का काम किया। सांप था के मुख्यमंत्री कैबिनेट विस्तार को लेकर किसी आपदाहापी में नहीं है और इसीलिए उन्होंने मुख्यमंत्री आवास में शहद निकाल प्रदेश की फिजा में और मिठास घोलने का काम किया।
अब मुख्यमंत्री के शहद निकालने के बाद यह बात लाजमी है कि यह शहद बटेगा तो है ही। मगर इस शहर की मिठास कैबिनेट मंत्री बनने के रूप में किस-किस को नसीब होती है यह बात केवल और केवल फिल वक्त मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ही पता होगी। शहर पाने वालों की कतार भी लंबी है मगर किस मिलेगा यह अभी ताई नहीं है, लेकिन इतना जरूर है कि शहद निकाला जा चुका है। यह बात कैबिनेट मंत्री बनने के दावेदारों के लिए और भी महत्वपूर्ण हो जाती है जिन्हें के मुख्यमंत्री के हाथों शहद मिलाने का बेसब्री से इंतजार है। शहद किस-किस को मिलना है यह तो वक्त की बात है मगर शहद निकल चुका है इतना तय है।
बहरहाल आप खबर पढ़ें…
मुख्यमंत्री आवास परिसर में मंगलवार को शहद निष्कासन कार्य किया गया। पहले चरण में 57 किलोग्राम शहद निकाला गया। इस बार लगभग 200 किलोग्राम तक शहद के निकालने का लक्ष्य रखा गया।मुख्यमंत्री ने बी-कीपिंग कार्य को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लेते हुए शहद महोत्सव आयोजित करने के लिए उद्यान विभाग को निर्देश दिए। जिसमें मधुमक्खी द्वारा तैयार किए जाने वाले समस्त प्रोडक्ट महोत्सव में रखने और हर वर्ष शहद महोत्सव की एक तिथि भी निर्धारित करने को कहा।
सीएम ने कहा कि उत्तराखंड में मौन पालन की अपार संभावनाएं हैं। राज्य में बहुत मात्रा में फूलों की प्रजातियां हैं, जो उच्च गुणवत्ता वाले जैविक शहद उत्पादन में सहायक हैं। पहाड़ी क्षेत्रों में औषधीय गुणों वाला शहद तैयार करने के लिए लोगों को प्रशिक्षण दिया जाए। मौन पालन को बढ़ावा देने के लिए लोगों को जागरूक किया जाए। इस अवसर पर उद्यान प्रभारी दीपक पुरोहित और चेयरमैन देवभूमि पर्वतीय ग्रामोद्योग विकास संस्थान हरबर्टपुर अजय कुमार सैनी मौजूद थे।

