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आधार यहां निराधार: मशीन खराब होने से एक हफ्ते से सेंटर पर ताला, यह कैसा गड़बड़झाला… आधुनिक विज्ञान युग को एक छोटे से आधार केंद्र की बड़ी चुनौती
हल्द्वानी। कंप्यूटर और इलेक्ट्रॉनिक क्रांति का युग चल रहा है, जहां बड़ी-बड़ी मशीनों में आई खराबी को इंजीनियर पल भर में दूर कर देते हैं। मगर यहां मामला बहुत उलझा हुआ है। यहां मशीन में आई खराबी के कारण कार्य पूर्णतः बंद है, यह इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है आधार कार्ड बनाने और अपडेट करने वाली मशीन का। एक दो नहीं, पूरे एक हफ्ते से आधार सेंटर इसलिए बंद है क्योंकि मशीन ठीक नहीं हुई है। इसलिए आधार सेंटर फिलहाल आईसीयू में है और उसका दिल यानी कि आधार तैयार करने वाली मशीन कोमा में। इसका खामियाजा भुगत रही है जनता।
हल्द्वानी में कालाढूंगी रोड के करीब करीब अंतिम छोर पर स्थित है ब्लॉक कार्यालय। इस कार्यालय के एक हिस्से में दो कमरों में संचालित हो रहा है आधार कार्यालय। दूर-दूर से लोग यहां आधार कार्ड बनवाने आधार कार्ड अपडेट करने समय तमाम कार्यों के लिए पहुंचते हैं। और यहां पहुंचते ही दोनों कमरों में लगा हुआ मिलता है बड़ा सा ताला। दोनों कमरों के ही बाहर बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा हुआ है मशीन खराब होने के कारण कार्य पूर्णतः बंद है। पता नहीं ऐसी कौन सी खराबी उस मशीन में आ गई है जो कि एक हफ्ते से ठीक नहीं हो पा रही है। इस बारे में बताने के लिए आधार केंद्र में कार्यरत कोई भी कर्मचारी मौजूद नहीं था। लोग यहां आ रहे थे और बड़े-बड़े तालों और नोटिस को पढ़कर वापस जाना उनकी मजबूरी हो गया।
खंड विकास अधिकारी रमेश चंद्र जोशी से जब इस बारी में जानकारी ली गई तो उनका कहना था कि जिला प्रशासन को मशीन खराब होने के बारे में अवगत करा दिया गया है। मशीन ठीक होने की परमिशन आई या नहीं इस बारे में उन्हें कुछ मालूम नहीं है। अलबत्ता उन्होंने यह नसीहत जरूर दे दी कि शहर के अन्य तमाम हिस्सों में भी आधार कार्ड बन रहे हैं लिहाजा कोई समस्या नहीं।
इसके बाद यह जरूर लगा कि ब्लॉक ऑफिस में आधार कार्ड बनने की बातें बिल्कुल निराधार हैं। सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का किस गंभीरता से पालन किया जा रहा है वह भी यहां साफ नजर आया। आधार कार्ड बनने वाली जाने कौन सी मशीन है और उसमें कौन सा वायरस बैठ गया है यह तो इंजीनियर या आधार केंद्र में कार्य करने वाले लोग ही जानें मगर एक हफ्ते से आधार कार्ड की मशीन का ठीक नहीं होना विज्ञान को एक चुनौती जरूर लग रही है। अब देखना यह होगा कि इस चुनौती से आधार केंद्र कब पार पाता है।