ऊधमसिंहनगर
##सिपाही को जिंदा जलाने के प्रयास के आरोपित को 14 दिन की न्यायिक हिरासत###
रुद्रपुर : पुलिस को जिंदा जलाने के प्रयास के आरोप में पुलिस ने आरोपितों को कोर्ट में पेश किया। जहां पर कोर्ट ने आरोपितों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
पुलिस लाइन गेट पर बुधवार शाम कांस्टेबल लक्ष्मण सिंह राणा डयूटी पर मौजूद था। उसी दौरान बोलेरो नियो कार नंबर यूके 05 डी 6003 पर सवार भाजपा नेता वहां पहुंचे तो कांस्टेबल ने रोक दिया। इस पर युवकों ने पुलिस लाइन में जबरन घुसने का प्रयास करने लगे।
लक्ष्मण ने अंदर से जाने से मना किया तो इसे लेकर नोंकझोक होने लगी। इस पर आरोपित रौब दिखाते हुए वर्दी उतरवाने की धमकी भी दे डाली और धरने पर बैठ गए थे। विवाद इतना बढ़ जाता है भाजपा नेता कांस्टेबल राणा पर हमलावर हो गए और ज्वलनशील पदार्थ गिरने से लक्ष्मण झुलस गए।
.jpg)
पुलिस ने घटना के समय मौजूद कांस्टेबल दीपक बोरा की तहरीर पर दर्पण कुमार पुत्र दुर्गाराम निवासी कुंजनपुर गंगोलीहाट, पिथौरागढ़, विनोद कुमार पुत्र बहादुर राम निवासी कुंजनपुर गंगोलीहाट, पिथौरागढ़, दीपक उप्रेती पुत्र कैलाश चंद्र निवासी ग्राम नैनोली पिथौरागढ़, अजय उप्रेती पुत्र ललित मोहन निवासी धुरा अल्मोड़ा बताया है। हैं।
सरकारी कार्यों में व्यवधान करने आदि धाराओं में केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया था। गुरुवार दोपहर आरोपितों को कोर्ट में पेश किया गया। जहां से कोर्ट के आदेश पर चारों आरोपितों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में हल्द्वानी जेल भेज दिया गया।
एसएसपी ने जाना घायल लक्ष्मण का हाल
आग लगने से झुलसे पुलिस कांस्टेबल लक्ष्मण सिंह राणा का जिला अस्पताल में उपचार चल रहा है। बुधवार रात वह आपातकाल वार्ड में थे। गुरुवार दोपहर उन्हें भर्ती वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था। एसएसपी डा. मंजूनाथ टीसी घायल पुलिस कांस्टेबल का हाल जानने जिला अस्पताल पहुंचे। उन्होंने बेहतर चिकित्सा उपलब्ध करवाने का भरोसा दिलाया।
घायल कांस्टेबल ने की वादी बनाने की मांग
पुलिस द्वारा दर्ज किए गए मुकदमें में जिंदा जलाने का प्रयास करने के दौरान झुलसे पुलिस कांस्टेबल लक्ष्मण सिंह राणा की तहरीर पर मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है। मुकदमा वहां तैनात दूसरे कांस्टेबल दीपक बोरा की तहरीर पर दर्ज किया गया है।
घायल कांस्टेबल लक्ष्मण सिंह राणा ने उसे वादी बनाने के लिए अधिकारियों से बात करने के संकेत दिए है। लक्ष्मण का कहना है कि जब घटना उसके साथ हुई है तो वादी उसे ही बनाया जाना चाहिए था। इस संबंध में वह अधिकारियों से वार्ता कर वादी खुद को बनाने की मांग करेंगे।
मुकदमें में आग का कोई जिक्र नहीं
आग लगने से कांस्टेबल लक्ष्मण सिंह राणा के दोनों हाथ के साथ ही पैर व गला व उसके नीचे का हिस्सा बुरी तरह से आग की चपेट में आकर झुलस गया है। कांस्टेबल दीपक बोरा द्वारा मुकदमा दर्ज करवाया गया पर उसमें कहीं आग लगने के कारणों का जिक्र नहीं करता है।
जिससे मुकदमा लिखवाने में की गई जल्दबाजी को लेकर सवाल उठ खड़े हुए है। इस संबंध में 24 घंटे बीत जाने के बाद भी आग से झुलसे कांस्टेबल लक्ष्मण सिंह राणा के बयान पुलिस द्वारा दर्ज नहीं किए गए है।

