उत्तराखण्ड
क्रिकेटर किशोरी को आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी, 10 साल का कारावास
देहरादून। प्रेम-प्रसंग में किशोरी का उत्पीड़न कर आत्महत्या के लिए मजबूर करने के दोषी क्रिकेटर को कोर्ट ने 10 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई। फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट के जज पंकज तोमर ने दोषी पर 10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया।
शासकीय अधिवक्ता किशोर कुमार ने बताया कि किशोरी के पिता ने क्लेमनटाउन थाने में केस दर्ज कराया। नौ दिसंबर को उनकी 17 वर्षीय बेटी ने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। वह 11वीं में पढ़ती थी। बेटी की मौत के बाद उन्होंने उसका कमरा और फोन जांचा। पता चला कि सुमित जुयाल (24) निवासी भारूवाला क्लेमनटाउन से उसकी दोस्ती थी। आरोप है कि सुमित किशोरी का शारीरिक शोषण करता था और ब्लैकमेल करके पैसे ऐंठता था। उसके मोबाइल में अंतिम चैट सुमित के साथ ही थी। इसमें लिखा था कि सुमित तुम सुधरोगे नहीं…बाय। इसके अलावा किशोरी की डायरी में भी सुमित के बारे में जिक्र था। जिस कमरे में किशोरी ने जान दी, वहां सुमित का आधार, एटीएम कार्ड, तीन फोटो, बर्थ सर्टिफिकेट मिला था। दिल्ली के एक होटल का बिल और बस का टिकट, काले रंग का बैग व पायजामा भी मिला।
क्रिकेटर सुमित किशोरी को विभिन्न जगहों पर खेल के बहाने ले जाता था। वहां उसका शोषण करता था। इस मामले में पुलिस ने प्राथमिक जांच के आधार पर मुकदमा दर्ज कर सुमित को गिरफ्तार कर लिया था। सुमित उत्तराखंड अंडर-19 टीम का हिस्सा रह चुके हैं।