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##प. बंगाल के सैलानी जोड़े की हत्‍या से दहला था देहरादून, टैक्‍सी चालक ने पार की थी अमानवीयता की हदें

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पश्चिम बंगाल की रहने वाली मोमिता अपने दोस्त अभिजीत के साथ देहरादून जिले में स्थित पर्यटक स्‍थल चकराता घूमने आई थी। लेकिन यहां इन दोनों के साथ कुछ ऐसा हुआ, जिसने देहरादून सहित पूरे उत्‍तराखंड को दहला दिया था। राजू दास ने अन्‍य तीन युवकों के साथ मिलकर दोनों की हत्‍या कर दी थी और हत्‍या से पहले युवती से दुष्‍कर्म किया था। इस घटना के मुख्‍य आरोपी राजूदास  को फांसी की सजा सुनाई गई थी।

22 अक्तूबर 2014 को मोमिता अपने दोस्त अभिजीत पॉल पुत्र अतुल पॉल निवासी दमदम कलकत्ता पश्चिम बंगाल के साथ चकराता घूमने आई थी। दोनों दिल्ली में रहते थे। युवती फाइन आर्ट पढ़ाती थी और अभिजीत पेशे से पेंटर था। आरोपियों ने उक्‍त घटना को 23 अक्‍टूबर को तब अंजाम दिया जब दोनों चकराता में चुंगी के पास टाइगर फाल जाने के लिए वाहन बुक करने की सोच रहे थे।

यहां उन्‍हें बोलेरो चालक राजू दास पुत्र मोहन दास निवासी टुंगरोली मिला। उसके वाहन में लोखंडी की सवारियां भी थीं। जिस पर राजू ने इन सवारियों को छोड़कर उन्‍हें टाइगर फाल ले जाने की बात कही। जिस पर मोमिता और अभिजीत चलने को तैयार हो गए। लेकिन लौटते वक्‍त राजू के वाहन में तीन अन्‍य युवक भी सवार हो गए।

रस्‍सी से गला घोंटकर अभिजीत की हत्‍या कर दी

मोमिता और अभिजीत ने एजराज भी जताया, लेकिन वह नहीं माने और राजू ने उन्‍हें रास्ते में छोड़ने की बात कही, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। टाइगर फाल से लौटने के बाद उक्‍त युवक मोमिता से छेड़छाड़ करने लगे। अभिजीत ने जब विरोध किया तो रस्‍सी से गला घोंटकर उसकी हत्‍या कर दी और लाखामंडल की ओर चल दिए।

रास्‍ते में युवकों ने युवती से बोलेरो में ही दुष्कर्म किया और गला घोंटकर उसे भी मौत के घाट उतार दिया। आरोपितों ने अंधेरा होने पर युवती का शव लाखामंडल स्थित यमुना पुल से नदी में फेंक दिया। वहीं युवक का शव नौगांव से दो किमी आगे खाई में फेंक दिया। कई दिन तक बेटी से संपर्क न होने के बाद 29 अक्‍टूबर को युवती के पिता ने दिल्‍ली के साकेत थाने में गुमशुदगी दर्ज करवाई। वहीं अगले दिन 30 अक्‍टूबर को नौगांव चौकी क्षेत्र में अभिजीत का शव मिला। युवती का शव 13 नवंबर को डामठा उत्तरकाशी के पास यमुना नदी में मिला।

इस हत्‍याकांड में मृतक युवक का मोबाइल एक अहम सुराग बना। जिसे पुलिस ने सर्विलांस पर लगाया हुआ था। मुख्य आरोपी राजू दास ने मोमिता का मोबाइल अपने पास रखा था। उसने इस मोबाइल में अपना सिम डालकर काल की थी। जिसके बाद मोबाइल पुलिस की रेंज में आ गया था। 10 नवंबर को दिल्ली पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर पूछताछ की तो उसने सच कबूल कर लिया।

10 नवंबर को आरोपितों द्वारा इस जघन्‍य हत्‍याकांड के खुलासे के अगले दिन लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। लोग सड़कों पर उतर आए और हत्यारोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे थे। आरोपितों के स्‍वजनों ने उनसे रिश्ते खत्‍म कर लिए। खत बनगांव की पंचायत ने आरोपितों का सामाजिक बहिष्कार कर दिया।

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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